Hadapsar Terminal

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पुणे: हडपसर टर्मिनल (Hadapsar Terminal) से ही ज्यादा रेल गाड़ियां छोड़ने के लिए रेलवे ने जोरदार तैयारियां शुरू की हैं। इसके लिए दो ‘स्टेबलिंग लाइन’ का विस्तार किया जाएगा। यह ‘स्टेबलिंग लाइन’ (Stabbing Line) डायरेक्ट घोरपड़ी कोच मेंटेनेंस कॉम्प्लेक्स (GCMC) तक बढ़ाने से अधिक रेल गाड़ियों की आवाजाही यहां से संभव होगी। इस विस्तार से पूर्व पुणे (Pune) को सर्वाधिक फायदा होगा। पुणे रेलवे स्टेशन (Pune Railway Station) का बोझ कम करने में इससे मदद होगी।

हडपसर रेलवे टर्मिनल शुरू होकर डेढ़ महीना पूरा हो गया है। यहां पर वर्तमान समय में तीन प्लेटफार्म हैं। पहले चरण में नांदेड और हैदराबाद एक्सप्रेस यहां से दौड़ रही थी। उसके बाद रेलवे ने दो नई गाड़ियां हडपसर टर्मिनल से शुरू की गई हैं। वर्तमान समय में यहां से तीन गाड़ियां दौड़ रही हैं। यहां से गाड़ियों की संख्या बढ़ाने के लिए ‘स्टेबलिंग लाइन’ की आवश्यकता है। हडपसर टर्मिनल में रेलवे को रोकने के लिए स्टेबलिंग लाइन बनाए जा रहे हैं। यह लाइन घोरपडी कोच मेंटेनेंस कॉम्प्लेक्स तक बढ़ाने से बुनियादी सुविधाओं का विकास होगा।

 स्टेबलिंग लाइन का विस्तार 

टर्मिनल पर यात्रियों की दृष्टि से जरूरी काम किए जा है। इस टर्मिनल को भविष्य के महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन के रूप में देखा जा रहा है। इसलिए यहां पर स्टेबलिंग लाइन का विस्तार कर घोरपडी कोच मेंटेनेंस कॉम्प्लेक्स तक जोड़ा जाएगा। इसके लिए करीब 9.70 करोड़ रुपए खर्च अपेक्षित है।

मरम्मत का रास्ता साफ

पुणे रेलवे विभाग पुणे स्टेशन से प्रस्थान करने वाली ट्रेनों के रखरखाव और मरम्मत की जिम्मेदारी हैं। इन ट्रेनों की मरम्मत के लिए ‘जीसीएमसी’ तक पांच ‘स्टेबलिंग लाइन’ और पांच ‘पिट लाइन’ बनाई गई हैं। ‘स्टेबलिंग लाइन’ का इस्तेमाल ट्रेन को खड़ा करने के लिए किया जाता है और ‘पिट लाइन’ का इस्तेमाल ट्रेन की मरम्मत के लिए किया जाता है।