Dilip Walse Patil
फाइल फोटो

    Loading

    पिंपरी. मुंबई (Mumbai) में ड्रग ऑपरेशन (Drug Operation) के दौरान नेशनल एंटी-नारकोटिक्स ब्यूरो (National Anti-Narcotics Bureau) (एनसीबी) द्वारा जिन लोगों को गवाह के रूप में लिया गया था, वे एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ता हैं। उनमें शामिल किरण गोसावी पुणे के फरसखाना पुलिस थाने में दर्ज एक मामले में भगोड़ा आरोपी है। इस तरह से एक भगोड़े आरोपी को एनसीबी द्वारा ‘पंच’ बनाया जाना कितना सही है? यह सवाल राज्य के गृह मंत्री (Home Minister) दिलीप वलसे पाटिल ने उठाया है।

    एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पिंपरी चिंचवड़ शहर में पधारे गृह मंत्री ने कहा, आयकर विभाग ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार के परिजनों के यहां छापेमारी कर दो दिन की कार्रवाई की है। किसी के घर जाकर पूछताछ करना ठीक है लेकिन, इसके लिए सभी रिश्तेदारों के घर जाना और उन्हें परेशान करना सही नहीं है। केंद्र सरकार राजनीतिक उद्देश्यों के लिए अपनी एजेंसियों और शक्ति का उपयोग कर रही है। राजनीति में ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं देखी गई। मान लीजिए घर में किसी से पूछताछ करना तो ठीक है, लेकिन उसके सभी रिश्तेदारों के घर जाकर उन सभी को परेशान करना ठीक नहीं है।

    मुंबई क्रूज पार्टी और ड्रग स्कैंडल इन दिनों राज्य में कोहराम मचा रहा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने इस मुद्दे पर कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि क्रूज पर एनसीबी द्वारा की गई कार्रवाई फर्जी थी और इसमें भाजपा के कुछ पदाधिकारी शामिल थे। मलिक ने यह भी दावा किया कि बंदियों में से तीन को रिहा कर दिया गया है और उनमें से एक भाजपा पदाधिकारी का साला है।

    इसलिए यह मामला खूब चर्चा में है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे-पाटिल ने कहा कि जिन लोगों को एनसीबी ने गवाह के रूप में साथ लिया था, वे एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ता थे। उनमें शामिल किरण गोसावी पुणे फरसखाना पुलिस थाने में दर्ज एक मामले में भगोड़ा आरोपी है। अगर एनसीबी फरार आरोपी को पंच बनाती है तो, यह कितना सही है? किरण गोसावी को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है, लेकिन पुलिस जांच कर रही है।