राज्य की फिक्र है तो केंद्र में फंसे 26 हजार करोड़ दिलाएं, MLA महेश लांडगे के बयान पर अजीत गव्हाणे का पलटवार

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    पिंपरी: केंद्र में भाजपा (BJP) के सत्ता में आने के बाद से पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 300 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। यह हास्यास्पद है कि केंद्र सरकार द्वारा 27 लाख करोड़ रुपए की नफाखोरी के बाद भी चुप रहने वाले विधायक महेश लांडगे (MLA Mahesh Landge) ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों (Petrol-Diesel Prices) में बढ़ोतरी को याद किया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के पिंपरी-चिंचवड शहर अध्यक्ष अजीत गव्हाने (Ajit Gawane) ने विधायक लांडगे के ईंधन दरवृद्धि को लेकर जारी किए बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर राज्य के लोगों की इतनी ही फिक्र है, तो उन्हें केंद्र में जीएसटी (GST) के तौर पर राज्य के फंसे 26,000 करोड़ रुपए लाने की कोशिश करनी चाहिए।

    विधायक और भाजपा के शहर अध्यक्ष महेश लांडगे ने राज्य में महाविकास अघाड़ी सरकार ( Maha Vikas Aghadi Government) की आलोचना करते हुए आरोप लगाया था कि राज्य सरकार द्वारा वैट में कटौती न करते हुए लोगों से लूटखसोट की जा रही है। उनका जवाब देते हुए गव्हाने ने एक बयान में कहा कि जब केंद्र में बीजेपी सत्ता में आई तो पेट्रोल और डीजल पर आयात शुल्क 9.48 रुपए प्रति लीटर था। हालांकि, पिछले सात सालों में बीजेपी सरकार ने इसे 300 फीसदी बढ़ा दिया है, वहीं केंद्र सरकार 32.90 रुपए प्रति लीटर की कमाई कर रही है। इसके अलावा केंद्र ने पेट्रोल और डीजल पर अन्य टैक्स भी लगाए हैं। केंद्र सरकार ने अब तक आयात शुल्क से 27 लाख करोड़ रुपये का लाभ कमाया है।

    गैस की कीमत 1,000 रुपए से अधिक हो गई

    पेट्रोल-डीजल ही नहीं, जीएसटी भी बढ़ाया जा रहा है। गैस की कीमत 1,000 रुपए से अधिक हो गई है। आम जनता जहां महंगाई के गर्त में गिरती जा रही है, तब विधायक महाशय मुंह पर उंगली रखकर खामोश रहे,  लेकिन अब उन्हें अचानक एहसास हो गया है कि राज्य सरकार वैट के जरिए लोगों को लूट रही है। महाराष्ट्र में तत्कालीन बीजेपी सरकार के समय वैट की दर लागू की गई थी। लांडगे तब भी विधायक थे, लेकिन उन्हें उस समय वैट याद नहीं था। गव्हाने ने यह भी कहा कि वैट को केवल राजनीति में स्वार्थ के लिए याद किया जा रहा है। अगर लोगों के लिए इतनी दया है तो क्या विधायक केंद्र की बीजेपी सरकार से पूछने की हिम्मत दिखाएंगे, जिसने आयात शुल्क में 300 प्रतिशत की वृद्धि की है? यह सवाल भी उन्होंने उठाया है।

    जीएसटी के पैसे के लिए बयान कब जारी होगा?

    केंद्र सरकार पर जीएसटी के लिए महाराष्ट्र का 26,500 करोड़ रुपए बकाया है। अगर यह राशि समय पर मिल जाती है तो राज्य के लोगों को सुविधाएं मुहैया कराना आसान हो सकता है। गव्हाने ने विधायकों से भी अपील की है कि केंद्र की बीजेपी सरकार को बकाया राशि दिलाने के लिए केंद्र को पत्र लिखे। महेश लांडगे ने विधायक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अब तक केवल राजनीतिक लाभ के लिए जुमलेबाजी और बयानबाजी का सहारा लिया है। गव्हाने ने यह भी सवाल उठाया कि विधायक लांडगे द्वारा दिखाए गए विजन का क्या हुआ?

    राज्य से राहत और केंद्र से मूल्य वृद्धि

    देश में सीएनजी और महाराष्ट्र में सीएनजी की कीमत में बड़ा अंतर है। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने राज्य के लोगों को राहत देने के लिए सीएनजी की कीमत में 7 रुपए की कमी की थी। यह कटौती वैट में 10 फीसदी की कटौती के कारण हुई थी। हालांकि, दो-तीन दिन बाद ही केंद्र सरकार ने सीएनजी के दाम में 9 रुपए की बढ़ोतरी कर दी। इस मूल्य वृद्धि पर विधायक चुप क्यों हैं? क्या यह सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी के बारे में बात करने की हिम्मत दिखाएंगे? यह सवाल भी गव्हाने ने उठाया है।