पिंपरी: ऑटो रिक्शा (Auto Rickshaw) और अन्य वाहनों के लिए नए से लागू किए गए फाइन (Fine), शुल्क वृद्धि (Fee Hike) और फिटनेस विलंब शुल्क (Late Fee) के रूप में प्रतिदिन 50 रुपए जुर्माना वसूला जा रहा है। केंद्र सरकार (Central Government) ने इसका अध्यादेश जारी किया है। यह अन्यायकारी दंड रद्द करने की मांग महाराष्ट्र रिक्शा पंचायत के अध्यक्ष बाबा कांबले ने की है। ऑटो रिक्शा पेट भरने का जरिया है, न कि जुल्मी जुर्माना भरने का। इसलिए केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए अध्यादेश को तत्काल निरस्त किया जाए।
महाराष्ट्र रिक्शा पंचायत की ओर से बाबा कांबले के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने अजीत शिंदे, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, पुणे और संजय भोइर, उप-क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, पुणे को ज्ञापन दिया। उन्होंने उनके ज्ञापन को केंद्र और राज्य सरकारों तक पहुंचाने और इस मुद्दे को हल करने का वादा किया। इस प्रतिनिधि मंडल में पुणे शहर अध्यक्ष शफिक पटेल, रिक्शा फेडरेशन पुणे शहर के अध्यक्ष आनंद तांबे, महाराष्ट्र वाहतूक सेना के एकनाथ ढोले, महाराष्ट्र रिक्शा पंचायत के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मोहम्मद शेख, मुख्तार कोलवाल, उपाध्यक्ष अरशद अरशद अन्सारी, कार्याध्यक्ष कुमार शेट्टी, सचिव किरण एरंडे, इमेन हुसेन शेख, संदीप शिंदे, अविनाश वाडेकर, शिखरे प्रविण, संजय गुजलेकर, विलास केमसे, तौफिक कुरेशी, हुसेन शेख आदि शामिल थे।
केंद्र सरकार के फैसले पर संगठन आपत्तियां उठा रहे हैं
बाबा कांबले ने कहा कि केंद्र सरकार के फैसले पर संगठन आपत्तियां उठा रहे हैं। ऐसे में इस जुर्माने और शुल्क में वृद्धि को तत्काल रद्द किया जाना चाहिए। ऐसे समय में जब पूरा देश कोरोना महामारी से उबर रहा है, तब सरकार जानबूझकर महाराष्ट्र में रिक्शा चालकों और चालकों को संकट स्थिति में डाल रही है। इस तरह से शुल्क बढ़ाकर वाहन मालिकों की जेब खाली करने का यह एक अन्यायपूर्ण प्रयास है। राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार ने इस बुरे हाल में रिक्शा की विभिन्न फीस बढ़ा दी है।
जनता का आक्रोश बढ़ेगा
कांबले ने यह चेतावनी दी है कि रिक्शा के काम का दायरा खत्म हो गया है। इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, हमें विभिन्न शुल्क वृद्धि के साथ समस्या है। रिक्शा शुल्क में सभी वृद्धि तत्काल रद्द कर पहले की तरह वसूल की जाए। नहीं तो इसके खिलाफ जनता का आक्रोश बढ़ेगा और सभी रिक्शा चालक सड़कों पर उतरेंगे और इस संगठन के माध्यम से एक बड़ा आंदोलन शुरू कर एक क्रांति शुरू करेंगे।