खुदाई नीति पर अमल शुरू, आने लगे प्रस्ताव

  • ट्रेंचिंग के माध्यम से खुदाई के लिए अनुमति

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पुणे. महापालिका की खुदाई नीति लटकी पड़ी थी. इससे मनपा का नुकसान हो रहा है, ऐसा कह कर स्थायी समिति ने एक प्रस्ताव पारित किया था. इसके तहत खुदाई के दर 7500 रुपए तय किए गए थे. जबकि यह दर प्रति रनिंग मीटर 10 हजार 155 रुपए है.

स्थायी समिति के प्रस्ताव पर अमल किया जाएगा, तो इसमें मनपा का नुकसान होगा. इस वजह से इस प्रस्ताव पर अमल ना करें, ऐसे निर्देश मनपा आयुक्त ने दिए थे. साथ ही अगर किसी कंपनी को खुदाई के लिए अनुमति दी है, तो उससे 10 हजार 155 रुपए का दर लिया जाए. ऐसा भी आयुक्त ने कहा था.

आयुक्त के इस निर्देश के बाद अब एक भी कंपनी खुदाई करने के लिए आगे नहीं आ रही थी. लेकिन महापालिका प्रशासन ने अब यही दर कायम रखे है. उसके अनुसार ओपन ट्रेन्चिंग के तहत खुदाई के लिए अनुमति दी जाएगी. निजी कंपनियों को कोई सहूलियत नहीं मिलेगी. तो सरकारी कंपनियों को 50% सहूलियत होगी. लेकिन महावितरण को यह दर 2350 रुपए होगा. इसके अनुसार कंपनियों के प्रस्ताव आना शुरू हुआ है. ऐसी जानकारी पथ विभाग प्रमुख वी.जी. कुलकर्णी ने दी.

आम सभा ने प्रस्ताव हुआ था मंजूर

समान जलापूर्ति योजना के तहत पाइप लाइन के काम के लिए आगामी तीन साल में करीब 1650 किमी की पाइप लाइन पूरे शहर में बिछाई जाएगी. इस वजह से आगामी तीन साल तक 12 मीटर से कम चौड़ी सड़क का कांक्रिटीकरण नहीं करने से संबंधित फैसला महापालिका प्रशासन की ओर से लिया गया था. साथ ही इससे ज्यादा चौड़ी सड़क का कांक्रिटीकरण करने के लिए जलापूर्ति विभाग की एनओसी, व खुदाई का काम करनेवाली कंपनियों से पाइप लाइन के नक्शे लेकर जिस इलाके में पाइपलाइन होगी, वहां पेविंग ब्लॉक लगाए जाएंगे. ऐसा निर्णय लिया गया था. प्रशासन ने खुदाई के लिए पूरी तरह से पाबंदी लगा दी थी. इससे संबंधित नीति लटकी हुई थी. जिससे महापालिका का नुकसान हो रहा था. इस वजह से खुदाई को अनुमति देने से संबंधित प्रस्ताव भाजपा के नगरसेवकों द्वारा स्थायी समिति के समक्ष रखा गया था. स्थायी समिति ने इस प्रस्ताव की गेंद महापालिका प्रशासन के पाले में डाली थी. प्रशासन ने इस पर सकारात्मक राय दे दी थी.

ओपन ट्रेंचिंग के तहत खुदाई को मंजूरी

10 हजार 155 रुपए प्रति रनिंग मीटर के दर से खुदाई को अनुमति दी जाए, ऐसी राय प्रशासन ने दी थी. लेकिन स्थायी समिति ने उसमें बदल कर ये दर 7 हजार 500 किए थे. समिति ने इसे मंजूरी देने के बाद यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए आम सभा के समक्ष रखा गया था. इसे विपक्षियों ने विरोध किया था. साथ ही ओपन ट्रेचिंग के बजाय एचडीडी तकनीक से खुदाई करने के लिए मंजूरी दी जाए, ऐसा उपसुझाव कांग्रेस व एनसीपी द्वारा दिया गया था. लेकिन इसका सत्ताधारियों विरोध किया व 7 हजार 500 रुपए के तहत व ओपन ट्रेंचिंग के तहत ही खुदाई करने के लिए मंजूरी दी थी.

10 हजार 155 का दर लेने के आयुक्त के निर्देश

 नतीजा 7 हजार 500 रुपए के तहत व ओपन ट्रेचिंग के तहत ही खुदाई करने के लिए  मंजूरी दी गयी थी. लेकिन आयुक्त ने ही इसका विरोध किया था. स्थायी समिति के प्रस्ताव पर अमल किया जाएगा, तो इसमें मनपा का नुकसान होगा. इस वजह से इस प्रस्ताव पर अमल ना करें, ऐसे निर्देश मनपा आयुक्त ने दिए थे. साथ ही अगर किसी कंपनी को खुदाई के लिए अनुमति दी है, तो उससे 10 हजार 155 रुपए का दर लिया जाए. ऐसा भी आयुक्त ने कहा था. आयुक्त के इस निर्देश के बाद अब एक भी कंपनी खुदाई करने के लिए आगे नहीं आ रही थी. लेकिन अब महापालिका प्रशासन ने अब यही दर कायम रखे है. उसके अनुसार ओपन ट्रेन्चिंग के तहत खुदाई के लिए अनुमति दी जाएगी. निजी कंपनियों को कोई सहूलियत नहीं मिलेगी. तो सरकारी कंपनियों को 50% सहूलियत होगी.

महावितरण की दर होगी 2350 रु.

कुलकर्णी के अनुसार मनपा सीमा में आनेवाली सड़कों पर ऑप्टिक फाइबर केबल बिछाने के लिए पथ विभाग की ओर से मंजूरी दी जाती है. इससे संबंधित दर आम सभा की ओर से वर्ष 2014 में तय की गई थी. विभिन्न निजी कंपनियों के साथ ही सरकारी कंपनियों को भी खुदाई के लिए मनपा से ही अनुमति लेनी पड़ती है.

केंद्र सरकार, राज्य सरकार, एमएनजीएल, बीएसएनएल कंपनियों को खुदाई के लिए 50 प्रतिशत सहूलियत दी जाती है, तो एमएसईबी से प्रति मीटर 2 हजार 350 रुपए की दर ली जाती है. यही दर कायम रखी जायेगी. सिर्फ निजी कम्पनियों को कोई सहूलियत नहीं दी जाएगी. उनकी दर 10 हजार 155 होगी.

महापालिका ने खुदाई नीति पर अमल करना शुरू कर दिया है. केंद्र सरकार, राज्य सरकार, एमएनजीएल, बीएसएनएल कंपनियों को खुदाई के लिए 50 प्रतिशत सहूलियत दी जाती है, तो एमएसईबी से प्रति मीटर 2 हजार 350 रुपए का दर लिया जाता है. यही रेट कायम रखे जायेंगे. सिर्फ निजी कम्पनियों को कोई सहूलियत नहीं दी जाएगी. उनकी दर प्रति रनिंग मीटर 10 हजार 155 होगी. इसके अनुसार कंपनियों का प्रतिसाद मिल रहा है.

– वी.जी. कुलकर्णी, विभाग प्रमुख, पथ विभाग, मनपा