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    पुणे. शहर (City) में कोरोना (Corona) का कहर जारी है, इसका प्रकोप रोकने के लिए महानगरपालिका प्रशासन (Municipal Administration) ने अपने सभी कर्मियों को काम पर लगाया था। महानगरपालिका ने कर्मियों (Personnel) के लिए 1 करोड़ का सुरक्षा कवर घोषित किया है। इसमें केंद्र (Center) द्वारा 50 लाख, राज्य सरकार (State Government) 50 लाख और माहानगरपालिका द्वारा 25 लाख की राशि देने का जिक्र था। 

    पहले केंद्र से संबंधित बिमा कंपनी को प्रस्ताव भेजने के बावजूद उसे नाकारा जा रहा था। लेकिन अब नियम में बैठनेवाले 3 कर्मियों के परिवारों को हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा 50 लाख का मुआवजा दिया जा रहा है। उसके बाद अब राज्य सरकार ने हाथ खड़े कर दिए है। अपने हिस्से के 50 लाख राज्य सरकार सिर्फ क, व, ड, गुट के महानगरपालिकाओं को देगी। अ, व, ब, गुट के महानगरपालिकाओं को खुद ही राशि देनी पड़ेगी। इससे महानगरपालिका पर फिर एक बोज आएगा।

    कोरोना सुरक्षा कवर देनेवाली पहली महानगरपालिका  

    महानगरपालिका ने अपने कर्मियों के लिए कोरोना सुरक्षा कवर योजना लागू की है। महानगरपालिका में पहले से ही मजदुर कल्याण निधि कार्यान्वित किया गया है।  इसी निधि के तहत यह सहायता की जाएगी।  महानगरपालिका प्रशासन के निर्देशानुसार इस योजना के लाभार्थी महानगरपालिका के कर्मी और अधिकारी जिन्हें कोरोना का काम दिया गया है, ऐसे सभी लोग होंगे। क्योंकि स्वास्थ्य विभाग के अलावा सभी विभागों के कर्मी और अधिकारियों को महानगरपालिका प्रशासन ने इस काम पर लगा दिया है। इसके तहत कर्मियों की मृत्यु हुई तो उसे 1 करोड़ की वित्तीय सहायता की जाएगी। अगर वारिस को नौकरी चाहिए तो नौकरी और 75 लाख की सहायता की जाएगी। इस योजना से संबंधित सभी अधिकार मजदूर कल्याण निधि समिति के पास रहेंगे। इसमें केंद्र द्वारा 50 लाख, राज्य सरकार 50 लाख और महानगरपालिका 25 लाख की राशि देने का जिक्र था। महानगरपालिका द्वारा निधि देना शुरू किया गया था।  

    सरकार का सर्कुलर जारी  

     इसके अलावा अब कई योजनाए लागू की हैं। कोरोना से अब तक 76 कर्मियों को मृत्यु हो चुकी है। इसके अनुसार महानगरपालिका ने लगभग 22 प्रस्ताव केंद्र की बिमा कंपनी को भेजे थे। दी न्यू इंडिया इन्शुरन्स कंपनी द्वारा यह प्रक्रिया की जानेवाली है। लेकिन कंपनी ने नियम को आगे कर इसे मंजूरी नहीं दी थी। कंपनी द्वारा कहा जा रहा था कि सफाई कर्मियों को मुआवजा मिल नहीं दिया जा सकता।  कंपनी ने अब इसकी गेंद केंद्र के पाले में डाली थी।  इससे मदद नहीं मिल पा रही थी।  तो दूसरी ओर सुरक्षा कवर पर महानगरपालिका अमल नहीं कर पा रही थी।  ऐसे में महानगरपालिका ने केंद्र की राह देखना छोड़कर अपना हिस्सा देना शुरू किया था।  25 परिजनों को अब तक 25 लाख की राशि मिल चुकी है।

    साथ ही बिमा कंपनी और सरकार के स्वास्थ्य विभाग से महानगरपालिका प्रशासन का लगातार फॉलो अप शुरू था।  22 में से 3 प्रस्तावों को मंजूरी मिली। साथ ही 3 परिवारों के अकाऊंट में 50 लाख की राशि जमा हो चुकी है। लेकिन अब राज्य सरकार अपने हिस्से का 50 लाख का अनुदान देने को लेकर पल्ला झाड़ रही है।  इस्को लेकर हाल ही में सरकार द्वारा सर्कुलर जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि स्वास्थ्य कर्मी के साथ कोविड का काम करनेवाले सभी कर्मियों को कवर दिया जाएगा। लेकिन राज्य सरकार अपने हिस्से के 50 लाख राज्य सरकार सिर्फ क, व, ड, गुट के महानगरपालिकाओं को देगी। अ, व, ब, गुट के महानगरपालिकाओं को खुद ही राशि देनी पड़ेगी। इसमें पुणे महानगरपालिका का भी समावेश है। पहले से महानगरपालिका वित्तीय संकट से जूझ रही है।