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    पिंपरी: बिल्डरों (Builders)के खेमे में तब खलबली मच गई जब गुड्स सेल्स टैक्स (GST)  विभाग की टीम ने ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट्स (TDR) की खरीद- फरोख्त से जुड़ी फाइलें (Files) खंगालनी शुरू कर दी। इसके लिए जीएसटी विभाग (GST Department) की एक टीम पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) के निर्माण कार्य अनुज्ञा विभाग में डेरा जमाए हुए हैं। बताया जा रहा है कि बिल्डरों ने टीडीआर की खरीद-फरोख्त पर जीएसटी टैक्स का भुगतान नहीं किया है। इसी के चलते विभाग ने बिल्डरों की फाइलों की जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

    पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका क्षेत्र में नगर विकास योजना में आरक्षण के तहत भूमि हस्तांतरित करते समय महानगरपालिका भूमि मालिक को मुआवजे के तौर पर टीडीआर देता है। इसके अलावा सड़कों, पार्कों, मैदानों और आरक्षित भूखंडों पर विकास के लिए निर्माण टीडीआर देता है।  राज्य सरकार द्वारा विकास प्रस्ताव के सामने सड़कों की चौड़ाई के आधार पर 0.40 से 1.40 गुना टीडीआर का उपयोग करने की नीति अपनाने के बाद भवनों का निर्माण क्षेत्र काफी बढ़ गया है। आरक्षण और निर्माण के माध्यम से उत्पन्न टीडीआर बिल्डरों द्वारा खरीदा जाता है।

    बिल्डरों की हालत पतली हो गई 

    जीएसटी की टीम में शामिल एक अधिकारी ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि महानगरपालिका के अधिकार क्षेत्र में आने वाले भोसरी, मोशी, चिखली, च-होली, रावेत, वाकड, चिंचवाड़, ताथवड़े, पुनावले, किवले, मामुर्डी पिंपले नीलख, पिंपरी आदि क्षेत्रों के बिल्डरों की टीडीआर खरीद-बिक्री की फाइलों की जांच की जा रही है। उन फाइलों में टैक्स इनवॉयस, पैन कार्ड, आधार कार्ड और कुछ अन्य जरूरी दस्तावेजों की जांच कर जरूरी दस्तावेजों की जेरोक्स कॉपी हासिल की जा रही है। उसके बाद शहर के माध्यमिक रजिस्ट्रार कार्यालय में जमीन की खरीद-बिक्री की भी जांच की जाएगी। इसलिए जीएसटी का भुगतान न करनेवाले बिल्डरों की हालत पतली हो गई है।

    बिल्डरों को शो कॉज नोटिस जारी की जाएगी

    जीएसटी विभाग के अधिकारी के मुताबिक, विभाग द्वारा जल्द ही जीएसटी का भुगतान न करनेवाले बिल्डरों को शो कॉज नोटिस जारी की जाएगी और उनसे जवाब मांगा जाएगा। 

    महानगरपालिका की ओर जरूरी मदद मुहैया कराई जा रही

    महानगरपालिका के नए शहर अभियंता मकरंद निकम ने इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि टीडीआर की खरीद- फरोख्त से जुड़ी फाइलें खंगाल रही जीएसटी की टीम राज्य जीएसटी विभाग की है। यह टीम टीडीआर के मामलों के फाइलों की जांच पड़ताल कर रही है। महानगरपालिका की ओर से उन्हें हर जरूरी मदद मुहैया कराई जा रही है। बहरहाल आंकड़ों की मानें तो महानगरपालिका की ओर से 2019-2020 से 17 मई 2022 तक कुल 520 करोड़ 14 लाख 93 हजार 87 रुपए मूल्य 46.48 हेक्टेयर आर क्षेत्र विभिन्न विकास कामों के लिए कब्जे में लिया गया है। इसके लिए 920953.84 वर्ग मीटर क्षेत्र का टीडीआर दिया गया है।