Krishna-prakash

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    पिंपरी: पुलिस कमिश्नर (Police Commissioner) के तबादले (Transfer) के बाद उनके कामकाज पर उंगली और संदेह उठानेवाले पत्र (Letter) वायरल (Viral) करने का सिलसिला बरकरार है। आईपीएस अधिकारी कृष्ण प्रकाश (IPS Krishna Prakash) के पिंपरी-चिंचवड पुलिस आयुक्तालय से तबादले के बाद उनके बारे में भी एक पत्र वायरल हो रहा है। इस बारे में खबरें प्रकाशित होने के बाद कृष्ण प्रकाश ने एक बयान जारी कर अपना स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने कहा है कि यह पत्र केवल और केवल उनकी बदनामी करने भर के इरादे से वायरल किया गया है। ऐसे विघ्नसंतोषी लोगों के खिलाफ कानूनी कदम उठाने की चेतावनी भी उन्होंने दी है।

    पिछले पुलिस कमिश्नरों की भांति कृष्ण प्रकाश के तबादले के बाद भी उनके करीबी अधिकारी के नाम से एक पत्र वायरल हो रहा है। इसमें कृष्ण प्रकाश के कार्यकाल पर उंगली उठाई गई है और प्रॉपर्टी लिटिगेशन के मामलों में 200 करोड़ रुपए की काली कमाई किए जाने का दावा किया गया है। यह पत्र उनके करीबी अधिकारी सहायक पुलिस निरीक्षक अशोक डोंगरे जो कि पुलिस कमिश्नर के रीडर भी थे, के नाम से बतौर शिकायतकर्ता के वायरल किया गया है। हालांकि डोंगरे ने स्पष्ट किया है कि यह पत्र उन्होंने नहीं लिखा है। साथ ही उन्होंने नए पुलिस कमिश्नर अंकुश शिंदे से इस मामले की जांच की मांग की है। 

    पत्र पूरी तरह से झूठा

    अब इस मामले में खुद आईपीएस कृष्ण प्रकाश ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि पिंपरी-चिंचवड पुलिस कमिश्नरेट में पुलिस कमिश्नर के रूप में मेरे कार्यकाल के दौरान सहायक पुलिस निरीक्षक अशोक डोंगरे के नाम के दुरुपयोग की शिकायतें आज पूरे दिन सोशल मीडिया पर वायरल रही हैं। यह पत्र पूरी तरह से झूठा है और इस संबंध में डॉ. अशोक डोंगरे ने खुद पुलिस कमिश्नर के पास लिखित शिकायत दर्ज कराई थी, इससे यह स्पष्ट है कि पत्र केवल मुझे बदनाम करने के लिए लिखा गया था। 

    कानूनी कार्रवाई करने की दी चेतावनी

    आईपीएस कृष्ण प्रकाश ने कहा कि ऐसा करने के प्रयास अतीत में पहले भी दोहराए गए हैं और असफल रहे हैं। चूंकि पिंपरी-चिंचवड कमिश्नर को लोगों का सबसे अधिक प्यार, स्नेह और आशीर्वाद मिला है, ऐसे असंतुष्ट लोगों के आरोपों पर बिना कोई ध्यान दिए मैं कानूनी कार्रवाई करने पर ध्यान केंद्रित करूंगा।