
पुणे: कोरोना (Corona) से लड़ाई में राहत भरी खबर आई है। पहले जहां कोरोना के वेरिएंट (Variant) को समझने के लिए अलग-अलग टेस्ट (Test) किए जाते थे। जिसमें समय भी लगता था और काफी खर्चीला भी होता था। पर अब ऐसा नहीं होगा। एक ही टेस्ट से डेल्टा और ओमीक्रोन का पता लगाया जा सकेगा। इस टेस्ट किट ‘कोविडेल्टा’ (‘Covidelta’ ) को विकसित किया है पुणे (Pune) के जीनपैथ डायग्नोस्टिक्स ने, जो पूरी तरह से भारतीय है।
जीनपैथ डायग्नोस्टिक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. निखिल जकातदार ने बताया कि इस संशोधन के जरिए कोरोना के वेरिएंट को पहचानना काफी आसान हो जाएगा। अचूक और अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित टेस्ट उपलब्ध कराना हमारा मकसद है। इस टेस्टिंग से कोविड-19 के डेल्टा और ओमीक्रोन के साथ ही अन्य वेरिएंट की पहचाना जा सकेगा। यह किट पूरी तरह से भारतीय है।
कम समय भी लगेगा
डॉ. निखिल जकातदार ने कहा कि इससे बेहद कम समय में वेरिएंट का पता चल सकेगा। साथ ही इसका दर भी कम है। इंडियन काउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च अर्थात आईसीएमआर ने इसे मान्यता दी है।
पुणे में ओमीक्रोन के पहले मरीज की पुष्टि की
जीनपैथ डायग्नोस्टिक्स के संस्थापक और चीफ सायंटिफिक ऑफिसर डॉ. निखिल फडके ने बताया कि इस टेस्ट की मदद से पुणे में कोरोना के ओमीक्रॉन वेरिएंट के पहले मरीज को पहचानने में हमने मदद की। जिसकी पुष्टि राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला (एनसीएल), आईसर,बी.जे. मेडिकल कॉलेज और पूना नॉलेज क्लस्टर (पीकेसी) जैसी भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स (INSACOG) कन्सोर्शीयम के अंतर्गत आनेवाली संस्थाओं ने किया। मौजूदा समय में भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक सरकारी तथा निजी संस्थाएं कोरोना के वेरिएंट की पहचान और उस पर नजर रखने के लिए इस टेस्ट के उपयोग का मूल्यांकन कर रहे हैं।