कसबा और चिंचवड के उपचुनावों पर अभी चर्चा उचित नहीं: अजीत पवार

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    पिंपरी: बीजेपी विधायक मुक्ता तिलक और लक्ष्मण जगताप के देहांत से पुणे में कसबा और पिंपरी-चिंचवड में चिंचवड विधानसभा की रिक्त सीटों पर उपचुनावों (Bypolls) को लेकर अभी से चर्चा शुरू हो गई है। खासकर चिंचवड (Chinchwad) की सीट पर विधायक जगताप की पत्नी अश्विनी जगताप का उनके भाई शंकर जगताप? राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) निर्विरोध चुनाव में सहयोग देगी या अपना प्रत्याशी मैदान में उतारेगी? जैसी चर्चा ने जोर पकड़ा है। शनिवार को पिंपरी-चिंचवड (Pimpri-Chinchwad ) दौरे पर रहे विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रवादी के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने कहा कि उपचुनावों पर अभी चर्चा ठीक नहीं, उस समय के हालात देखकर और स्थानीय नेताओं से चर्चा विमर्श के बाद निर्णय लिया जाएगा। इस दौरान राष्ट्रवादी के शहर अध्यक्ष अजीत गव्हाणे, पूर्व विपक्षी नेता नाना काटे उनके साथ थे। 

    चिंचवड में मीडिया से की गई बातचीत में अजीत पवार ने कहा कि चुनाव आयोग पुणे में कसबा और चिंचवड विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव कराएगा। अभी इसकी कोई घोषणा नहीं हुई है इसलिए अभी चुनाव लड़ने को लेकर महाविकास आघाड़ी की भूमिका तय नहीं हो पाई है। हमने 2019 के चुनाव में चिंचवड विधानसभा की सीट से प्रत्याशी पुरस्कृत किया था। कांग्रेस ने कसबा विधानसभा की सीट पर चुनाव लड़ा। चूंकि बाद के दौर में कई तरह के राजनीतिक बदलाव हुए हैं, इसलिए हम सभी साथियों से इस पर चर्चा करेंगे और इस बारे में अंतिम निर्णय लेंगे।

    स्थिति को देखकर चुनाव लड़ने के बारे में सही निर्णय लेंगे

    अजीत पवार ने कहा कि मेरी अपनी राय है कि जब चुनाव नहीं चल रहा हो तो अभी इस पर चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है। मुंबई के उपचुनाव और नांदेड़ के पंढरपुर के उपचुनाव में अलग ही तस्वीर देखने को मिली। इसलिए पवार ने स्पष्ट किया कि हम उस समय की स्थिति को देखकर चुनाव लड़ने के बारे में सही निर्णय लेंगे।

     मैंने किसी के साथ कभी भेदभाव नहीं किया

    वर्तमान में पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका में प्रशासक राज हैं। महानगरपालिका के प्रशासक और कमिश्नर शेखर सिंह का यह कहना कि मुझ पर किसी का ‘दबाव’ नहीं चलेगा, क्योंकि आप पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। नई ‘बॉडी’ आने तक आप मुखिया रहेंगे। इसलिए, किसी भी राजनीतिक व्यक्ति, वर्तमान सत्ताधारियों के दबाव में काम किए बिना, अच्छे लोगों और ‘उचित’ दर वाले लोगों को ठेके दिए जाने चाहिए। शहर के केबल नेटवर्क के उस पूर्व निदेशक की कंपनी को काम देने के बारे में पूछे जाने पर, जिसके खिलाफ अपराध दर्ज किया गया था, अजीत पवार ने कहा कि हमनें 25 साल शहर में काम करते हुए शहर का चेहरा बदल दिया है, यह सभी जानते हैं। मैंने कभी भेदभाव नहीं किया। शहर का चहुंमुखी विकास करने का प्रयास किया। देश में शहर को अच्छा बनाने का प्रयास किया। दुर्व्यवहार के लिए करीबी सहयोगी को अपने शब्दों में समझाइश दी। सुनियोजित विकास के चलते शहर को बेस्ट सिटी का अवार्ड मिला। महानगरपालिका में तरह-तरह के टेंडर जारी किए जाते हैं। यह जनता का पैसा है, उस पैसे का समय जनता और शहर के विकास के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए। आज ऐसा नहीं हो रहा है जनता के पैसों का गलत विनियोग हो रहा है, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शहर अध्यक्ष अजीत गव्हाणे समय-समय पर उसे उजागर कर रहे हैं, इसे शहरवासियों को ध्यान में रखना चाहिए। 

    महानगरपालिका चुनाव की जल्द करें घोषणा

    अजीत पवार ने कहा कि एक तो महानगरपालिका के चुनाव बिना किसी कारण के एक साल के लिए आगे बढ़ गए हैं। दरअसल चुनाव फरवरी 2022 में ही हो जाना चाहिए था, लेकिन ओबीसी समुदाय को उनकी संख्या के अनुसार प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा था, इसलिए हम कोर्ट गए और ओबीसी समुदाय को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की,  इसका फैसला भी आ चुका है। इसलिए अभी चुनाव की घोषणा की जानी चाहिए, फिर भी टालमटोल की जा रही है। 

    रेड जोन का मुद्दा 30 साल पुराना

    नए से रेड जोन के मुद्दे पर अजीत पवार ने कहा कि यह मुद्दा 30 साल पुराना है, एक पीढ़ी बीत चुकी है। विभिन्न रक्षा मंत्रियों के साथ अनुवर्ती कार्रवाई की, लेकिन दुर्भाग्य से यह सफल नहीं हुआ। ऐसा इसलिए क्योंकि रक्षा विभाग के अधिकारी निर्णय लेने के लिए आगे-पीछे देखते हैं। गोला-बारूद जो अतीत में संग्रहीत किया गया है। कितने क्षेत्र प्रभावित होंगे, इस पर चर्चा हुई, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि हम कोई रिस्क नहीं लेंगे। रक्षा मंत्री को अपने बल पर फैसला करना चाहिए। कमिश्नर ने किन नियमों और कानूनों में काम जारी रखने की अनुमति दी है? यह देखना होगा। 

    महंगाई, बेरोजगारी से ध्यान भटकाने की कोशिश

    राज्य में महंगाई और बेरोजगारी की भारी समस्या हैं, जबकि यह ज्वलंत मामला है, विभिन्न बिंदुओं को उठाया जाता है। फिलहाल सब कुछ शांतिपूर्वक चल रहा है। हमें चर्चा करनी चाहिए और सभी को विश्वास में लेना चाहिए और पुणे के नाम पर विचार करना चाहिए। इसकी जांच होनी चाहिए कि पुणे के मूल निवासी क्या उम्मीद करते हैं। अगर बाहरी लोग बिना स्थानीय लोगों को विश्वास में लिए ऐसी सलाह देने लगें तो दिक्कत हो सकती हैं। इसलिए सभी को समझदारी भरा रुख अपनाना चाहिए। किसी के नाम का अनादर नहीं, लेकिन पुणे का नाम दुनिया के कोने-कोने में पहुंच गया है। पिंपरी-चिंचवड को पुणे के अंतर्गत दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण मुद्दों को दरकिनार करना और लोगों का ध्यान भटकाने के लिए विभिन्न मुद्दों को सामने लाना गलत है।