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    पुणे : केंद्र सरकार (Central Government) ने हाल ही में पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) पर एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) कम करते हुए राज्य की जनता को राहत दी थी। इसके बाद राज्य सरकारों से वैट कम करने की अपील की थी। इस अपील के बाद कई राज्यों ने पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करते हुए राज्य के नागरिकों को राहत दी है, लेकिन महाराष्ट्र ने अब तक वैट में कटौती करने की कोई जानकारी नहीं दी है। इस पर भाजपा महाविकास आघाडी पर हमला कर रही है।

    भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल कहा है कि मोदी सरकार ने पेट्रोल की कीमत में 5 रुपए और डीजल की कीमत में 10 रुपए की छूट दिए जाने के बाद अब महाविकास आघाडी  की ठाकरे सरकार वैट में कटौती कर राज्य को अधिक से अधिक राहत देनी चाहिए। असम और गोवा जैसे छोटे राज्य छूट दे रहे है तो सबसे अमीर महाराष्ट्र को भी राज्य में छूट देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरह राज्य सरकार भी पेट्रोल और डीजल के टैक्स में कटौती कर राहत दे, यह जनता की स्वाभाविक इच्छा है। मगर सत्ताधारी पार्टी के प्रवक्ता ने सारी सुविधा केंद्र सरकार से देने की बात कही है, यह चौंकाने वाली बात है। सारी जिम्मेदारी केंद्र पर डालना और राज्य केवल टैक्स वसूल करे यह नहीं चल सकता है।

    उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमत वृद्धि को लेकर  शिवसेना, कांग्रेस और  राष्ट्रवादी ने केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन किया है। अब जब केंद्र सरकार ने छूट दी है तो राज्य अपने वैट में कटौती कर पेट्रोल-डीजल की कीमत और कम करने के संदर्भ में सत्ताधारी आघाडी द्वारा टालमटोल की जा रही है। 

    पार्टियों को जनता की तकलीफों से कोई लेना देना नहीं है

    इस बारे में जारी किए एक बयान में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि, महाविकास आघाडी सरकार की तीनों पार्टियों का ढोंग सबके सामने आ गया है। इन पार्टियों को जनता की तकलीफों से कोई लेना देना नहीं है। केवल केंद्र सरकार पर जिम्मेदारी डाल देते है। देश में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की सीट 6 से बढ़कर 7 हो गई है और इसके साथ ही भाजपा के सहयोगी दलों के भी उम्मीदवार जीत कर आए है। दूसरी तरफ उपचुनाव में कांग्रेस के विधायकों की  संख्या 10 से 8 हो गई है। इसके बावजूद भाजपा के नुकसान का दावा करने वाले वास्तविकता को समझे। विधानसभा उपचुनाव में भाजपा का नुकसान होने की वजह से पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने का दावा पूरी तरह  से गलत है।