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राज ठाकरे (Photo ANI)

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    पुणे: मनसे (MNS) अध्यक्ष राज ठाकरे (Raj Thackeray) की सभा रविवार 1 मई को औरंगाबाद (Aurangabad) में होगी। इस सभा के लिए राज ठाकरे शनिवार को पुणे (Pune) से रवाना हो गए। औरंगाबाद के लिए रवाना होने से पहले पुणे में राज ठाकरे के घर के बाहर एक धार्मिक समारोह का आयोजन किया गया। औरंगाबाद के लिए रवाना होने से पहले राज ठाकरे के पुणे स्थित घर के बाहर 100 से 200 पुरोहितों (Priests) ने मंत्रोच्चार कर राज ठाकरे को आशीर्वाद दिया। पुजारियों ने चारों वेदों का पाठ किया और राज ठाकरे की यात्रा के लिए आशीर्वाद दिया। 

    धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, गौ हत्या बंद हो, हिंदू धर्म की जय, जय श्री राम, बजरंग बली की जय के उद्घोष इस दौरान किए गए। जानकारी के मुताबिक, जितने भी पुजारी आए, वे सभी स्वेच्छा से आए थे। पूरे पुरोहित समुदाय ने राज ठाकरे को सभा के लिए शुभकामनाएं दी। 

    अमित ठाकरे ने सभा स्थल का लिया जायजा 

    राज ठाकरे के पुणे से औरंगाबाद के लिए रवाना होने के बाद जगह-जगह पर मनसे कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। इस दौरान वे वडु में छत्रपति संभाजी महाराज की समाधि पर जाकर दर्शन भी किया, वहीं औरंगाबाद में राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे ने सभा स्थल का दौरा कर निरीक्षण किया। उन्होंने सभा स्थल पर प्लेटफार्म, लाउडस्पीकर और बैठने की व्यवस्था का निरीक्षण किया। अमित ठाकरे ने कहा कि बैठक में बड़ी संख्या में मनसे कार्यकर्ता शामिल होने वाले हैं।

    अमित का शिवसेना पर तंज

    औरंगाबाद में राज ठाकरे की रैली की पृष्ठभूमि में मनसे ने पूरे शहर में बैनर लगाए हैं। इसमें भगवा शॉल पहने राज ठाकरे की तस्वीर है और नागरिकों से ‘राजसभा’ में आने की अपील की गई है। शिवसेना ने भी मनसे के बैनर के पास जगह-जगह अपने बैनर लगाए हैं। इस पर शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की फोटो है। इस पर अमित ठाकरे से सवाल किया गया, उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा कि वे जितने चाहें उतने बैनर लगा दें। लोगों की राय महत्वपूर्ण है। 

    वसंत मोरे के मनसे छोड़ने की चर्चा जोरो पर! 

    वहीं, मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे रविवार को औरंगाबाद में बैठक करेंगे। इसके लिए वे आज पुणे से औरंगाबाद के लिए रवाना हुए। राज ठाकरे शुक्रवार से ही पुणे में अपने आवास पर थे। उनके आवास पर मनसे के कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे, लेकिन इन सब में मनसे के पुणे शहर के पूर्व अध्यक्ष वसंत मोरे कहीं नजर नहीं आए। मोरे की गैरमौजूदगी ने राजनीतिक गलियारे में एक अलग ही चर्चा को जन्म दे दिया। इस बीच, मोरे वडु स्थित छत्रपति संभाजी महाराज की समाधि पर पहुंच गए जिसके बाद उनके पार्टी छोड़ने की चर्चा को विराम मिला।