पिंपरी: पुणे-मुंबई हाइवे (Pune-Mumbai Highway) पर सोमाटने (Somatane) से टोलनाका (Tolnaka) को हटाने की मांग को लेकर सभी राजनीतिक दलों और क्षेत्रों के हजारों लोगों और कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में ‘जनाक्रोश आंदोलन’ किया गया। यह टोलनाका अवैध है और इसे हटाया जाना चाहिए, सर्वदलीय टोल हटाओ कृति समिति ने यह मांग की। स्थानीय मांग के चलते कोल्हापुर में टोलनाका बंद कर दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि टोलनाका को भी इसी तर्ज पर बंद (Closed) किया जाए।
अवैध रूप से टोल वसूल कर आईआरबी मावल के लोगों से रंगदारी वसूल रहा है। स्थानीय आंदोलन के चलते कोल्हापुर टोल प्लाजा को बंद कर दिया गया था। इसी तर्ज पर मावल में जन आंदोलन का आयोजन किया गया। जनसेवा विकास समिति के संस्थापक किशोर अवारे की पहल पर सोमाटने टोलनाका हटाने को लेकर जन आंदोलन शुरू किया गया था। इसके लिए तपती धूप में लिंबफाटा से सोमाटाने टोलनाका तक मार्च आयोजित किया गया था। इसमें विभिन्न पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं, कार्यकर्ताओं और नागरिकों ने भाग लिया। भीषण गर्मी के बावजूद मार्च को जबरदस्त रिस्पांस मिला। इसमें महिलाओं की उपस्थिति भी उल्लेखनीय रही। लिंब फाटा में सुबह 11 बजे पार्टी के सभी पदाधिकारी, कार्यकर्ता और नागरिक मौजूद रहे।
सुरक्षा के लिए किए गए थे पुख्ता इंतजाम
जनआक्रोश मोर्चा की शुरुआत शिव वंदना से हुई। मोर्चा के दौरान पिंपरी-चिंचवड के पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश के मार्गदर्शन में उपायुक्त आनंद भोइटे, पुलिस निरीक्षक मधुकर सावंत, रंजीत सावंत, सत्यवान माने, अधिकारी दुर्गानाथ साली, महेश मटकर और राज्य रिजर्व पुलिस बल को तैनात किया गया था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को टोलनाके से आधा किलोमीटर पहले ही रोक दिया। उस स्थान पर जनसभा का आयोजन किया गया।
वाहनों की लगी लंबी कतार
जन आक्रोश मोर्चा सुबह 11.30 बजे से दोपहर 1 बजे तक चला। पुराना मुंबई-पुणे हाईवे एक घंटे तक बंद रहने से दोनों तरफ 5 से 6 किलोमीटर की दूरी तक वाहनों की कतार लग गई। सर्वदलीय टोल हटाओ कृति समिति ने प्रशासन को 10 मई की समय सीमा दी है, जिसके बाद उग्र आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। आईआरबी के अधिकारियों के साथ-साथ एमएसआरडीसी के इंजीनियर राकेश सोनवणे और पदाधिकारियों के साथ चर्चा हुई, लेकिन चर्चा बेनतीजा रही। सांसद श्रीरंग बारणे ने भी प्रदर्शनकारियों की मांग का समर्थन किया और कहा, आईआरबी अवैध रूप से वसूली कर रहा है मावल निवासियों को अब टोल का भुगतान नहीं करना चाहिए। इस बैठक में पार्षद किशोर भगड़े, पूर्व नगराध्यक्ष सुलोचना अवारे, जिला परिषद सदस्य नितिन मराठे, अमोल शेटे, रोहित लांघे, सुनील मोरे, सचिन भांडवलकर, मिलिंद अच्युत, जमीर नलबंद, रवींद्र माने सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी, कार्यकर्ता व नागरिक मौजूद थे।