Jejuri

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    पुणे: भगवान खंडोबा की नगरी जेजुरी दुर्ग (Jejuri Durg) तीर्थ स्थल का विकास किया जाएगा। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) की अध्यक्षता में हुई शीर्ष समिति की बैठक के दौरान 109.57 करोड़ रुपए के पहले चरण (Phase I) के काम को मंजूरी दे दी गई। यह काम ऐसे संगठन के माध्यम से होगा, जिसे पुरातन पहलुओं की समझ हो।

    चूंकि संरक्षण के लिए मूल शैली को संरक्षित करने की आवश्यकता होती है, इसलिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ऐसे संगठन के माध्यम से काम करने का निर्देश दिया, जो पुरातन पहलुओं को समझता हो। उन्होंने कहा कि जेजुरी दुर्ग के संरक्षण के दौरान इस इलाके के अन्य मंदिरों को पुरातन विभाग के माध्यम से संरक्षित किया जाएगा। पहले चरण के तहत जेजुरी मंदिर और दुर्ग संरक्षण के साथ-साथ जल प्रबंधन और आसपास के क्षेत्रों का संरक्षण किया जाएगा।

    कई पहलुओं पर होंगे कार्य

    जेजुरी दुर्ग संरक्षण योजना के प्रथम चरण में अधोसंरचना और पर्यटन सुविधाओं के साथ-साथ जल प्रबंधन से संबंधित कार्यों का संरक्षण किया जाएगा। इसमें वैज्ञानिक तरीके से पत्थरों की सफाई, अनियोजित जोड़ों के साथ-साथ हानिकारक जोड़ों को हटाना, चूने के लेप के साथ क्षतिग्रस्त जोड़ों का रखरखाव, पानी के रिसाव को रोकना, बिजली के कनेक्शन, स्वच्छता और सीवरेज, सीवरेज उपचार के बाद पानी का पुनर्चक्रण और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन शामिल हैं। साथ ही धूल, आपदा प्रबंधन, भीड़ प्रबंधन और पर्यावरण के अनुकूल कार्यों के लिए मशीन प्रदान करना है।

    250 वर्षों में कोई संरक्षण कार्य नहीं

    जेजुरी किले का आधार क्षेत्र 167 वर्ग मीटर, जबकि परिधि क्षेत्र 1240 वर्ग मीटर है। जेजुरी में 4 से 5 मिलियन श्रद्धालु आते हैं, जबकि वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान 1.5 से 2 लाख श्रद्धालु आते हैं। यह महाराष्ट्र में कई परिवारों का पारिवारिक देवता हैं और मंदिर की समृद्ध ऐतिहासिक विरासत है। जिला कलेक्टर डॉ. देशमुख ने अपनी प्रस्तुति के दौरान बताया कि पिछले 250 वर्षों में इस स्थान पर कोई संरक्षण कार्य नहीं किया गया है, इसलिए यह अब आवश्यक हो गया है कि यहां संरक्षण कार्य किए जाए।

    विकास कार्यों के लिए मंत्रियों ने दिए सुझाव

    उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने उपाय करने को कहा ताकि इस ऐतिहासिक स्थान पर अनावश्यक पेड़ और झाड़ियां हों। उन्होंने मूल पत्थरों को रंगने के बजाय इस स्थान को उसके मूल रूप में संरक्षित करने की आवश्यकता व्यक्त की। उन्होंने नए योजनाओं के तहत कार्य करने के निर्देश दिए, जिसके लिए जिला योजना और विकास समिति के माध्यम से धनराशि उपलब्ध कराई जा सके। लोक निर्माण मंत्री अशोक चव्हाण ने इस क्षेत्र के विशेषज्ञों के माध्यम से पुरातत्व विभाग के अधिकार क्षेत्र में कार्य करने का सुझाव दिया।

    बजट में घोषणा की थी

    राज्य सरकार ने अपने 2021-22 के बजट सत्र में घोषणा की थी कि पुणे जिले के पुरंदर तहसील में जेजुरी दुर्ग तीर्थ स्थान के विकास के लिए धन उपलब्ध कराया जायेगा। तदनुसार, पुणे के जिला कलेक्टर ने तीन चरणों में 349.45 करोड़ रुपए की श्री जेजुरी दुर्ग तीर्थ स्थल विकास योजना को क्रियान्वित करने की योजना बनाई है।