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    पुणे: दस प्रतिशत ब्याज से पैसे उधार लेने के बदले 50 लाख अथवा 5 एकड़ जमीन अपने नाम करने के लिए आरोपी ने अपहरण कर उसे पुणे में छिपा कर रखा था पर पुणे पुलिस ने उसे छुड़ा लिया है। पता चला है कि सात लोगों ने उसकी पिटाई की थी। इसमें शहर पुलिस के एक पुलिस का भी समावेश है। इसके चलते शहर में हड़कंप मच गया है। आरोपियों को न्यायालय में पेश करने पर न्यायालय ने उसे 21 दिसंबर तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है।

    आरोपियों के नाम लक्ष्मण हगवणे (33), किरण सोपान भिल्लारे (35), विशाल अनिल जगताप ( 22), संदीप चंद्रकांत पोखरकर (24), अभिजीत दत्तात्रय देशमुख (30), मनोज ज्ञानेश्वर भरगुडे (32) है। रंजीत उर्फ बाजू पायगुडे अब भी फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। नितीन कैलाश पवार (33) ने शिरुर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है। 

    15 लाख रुपए उधार लिया था

    भरगुडे पुणे पुलिस मुख्यालय में पुलिस कॉन्स्टेबल है। शिकायतकर्ता ने अनिल हगवणे के पाससे व्यवसायास करने के लिए मार्च 2018 में प्रति माह 10 फीसदी ब्याज के हिसाब से कुल 15 लाख रुपये उधार लिए थे। उसने 500 रुपए के कोरे स्टैम्प पेपर पर सही किए थे, साथ ही 5 बैंकों के कोरे चेक दिए थे। शिकायतकर्ता ने 10 लाख 50 हजार रुपये ब्याज दिए हैं। तो किरण भिलारे से भी उसने 9 लाख रुपये लिए थे। उसके बदले में  ब्याज के तौर पर अब तक 60 हजार रुपये दिए थे। हगवणे एवं भिलारे ने मूल एवं ब्याज के तौर पर 50 लाख रुपये मांगे।  

    5 एकड़ जमीन देने का बनाया दबाव

    पैसे न देने पर 5 एकड़ जमीन लिखने का दबाव बनाया। ऐसा न करने पर पत्नी और बच्चे को जान से मारने की धमकी दी। शुक्रवार को आरोपी ने किरण भिलारे की गाडी लाने के नाम पर शिकायतकर्ता को जबरन घर से बुलाकर गाड़ी में बैठा लिया। पत्रे के एक शेड में उसे छिपाया गया था। यह जानकारी फिरौती विरोधी दस्ते एक के कर्मी  रमेश चौधर और अमर पवार को मिली। उसके बाद सहायक आयुक्त गजानन टोम्पे के मार्गदर्शन में सहायक निरीक्षक संदीप बुवा और उनके दस्ते ने जाल बिछा कर उन्हें छह लोगों को गिरफ्तार किया और शिकायतकर्ता को छुड़ा लिया।