Know why Pimpri-Chinchwad Police Commissioner Krishna Prakash again changed his disguise, read the details

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    पिंपरी : थानों में शिकायत दर्ज (Complaint Filed) कराने आने वाले लोगों के साथ होने वाले बर्ताव को परखने के लिए भेष बदलने के बाद पिंपरी-चिंचवड़ (Pimpri-Chinchwad) के दबंग पुलिस कमिश्नर (Police Commissioner) कृष्ण प्रकाश (Krishna Prakash) का पुनः भेष बदलना चर्चा में है। इस बार उन्होंने भेष बदलकर उनके और मुंबई के सह पुलिस आयुक्त विश्वास नांगरे पाटिल के नाम पर जमीन के ‘मैटर सॉल्व’ करने के लिए फिरौती वसूलने वाले को खुद दबोचा।

    ताज्जुब की बात यह है कि जो आरोपी कृष्ण प्रकाश से अच्छी जान पहचान का दावा कर मैटर सुलझाने के लिए पैसे वसूलता रहा, उसे बिल्कुल भी अंदाजा नहीं हुआ कि उसके साथ टेबल पर डील करने वाला शख्स कोई और नहीं खुद पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश ही है। पुलिस को आरोपी के पास से साइबर क्राइम में कार्यरत रहने का फर्जी आईकार्ड बरामद हुआ है।

    देहुरोड पुलिस थाने में शिकायत दर्ज

    रोशन संतोष बागूल (22, निवासी देहूगांव, हवेली, पुणे, मूल निवासी सोनजाब, दिंडोरी, नासिक) ऐसे गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम है। उसके साथ गायत्री रोशन बागुल (22, मूल निवासी दिंडोरी, नासिक) और पूजा विलास माने (22, दोनों निवासी देव इंद्रायणी सोसायटी देहुगांव, मूल निवासी हडपसर, पुणे) नामक दो महिलाओं को भी गिरफ्तार किया गया है। वह इन दोनों को अपनी पत्नियां बताता है। उसके ज्ञानेश्वर और अजित हाके (निवासी त्रिवेणीनगर, पुणे) नामक दो साथी भाग निकलने में सफल रहे हैं। इस मामले में विन्सेंट अलेक्झांडर जोसेफ (52, निवासी ताम्हाणे बस्ती, मोरे वस्ती, चिखली, पुणे) ने देहुरोड पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है। शनिवार की रात नौ से साढ़े नौ बजे के करीब निगड़ी – देहूरोड की सीमा पर होटल पूनागेट में यह कार्रवाई की गई।

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    पुलिस कर्मचारियों से उनके नाम पर पैसों की मांग किये जाने का एक मामला

    आरोपी रोशन बागुल लोगों को मुंबई के सह पुलिस कमिश्नर विश्वास नांगरे पाटिल और पिंपरी-चिंचवड़ के पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश का करीबी बताता था। यही नहीं उनके जरिये जमीन से जुड़े मैटर वही सॉल्व करता है। नांगरे पाटिल जब नाशिक में पुलिस कमिश्नर थे तब उनके जमीन से जुड़े सभी काम वही करता था। यह बात ध्यान में आने के बाद पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश ने उस पर शिकंजा कसने की ठानी। बहरहाल उनके नाम का दुरुपयोग करने वाले एक वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक को उन्होंने ट्रैफिक विभाग में तबादला किया। शनिवार को ही पुलिस कर्मचारियों से उनके नाम पर पैसों की मांग किये जाने का एक मामला सामने आया है। कुल मिलाकर पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश के नाम और उनसे नजदीकी का दुरुपयोग करने के मामले लगातार बढ़ रहे है।

    जमीन का विवाद पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश के जरिये सुलझाने का झांसा

    पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश ने चिखली में प्रि-स्कूल चालक विन्सेट अलेक्झांडर जोसेफ की मदद से रोशन बागुल को दबोचने का प्लान बनाया। रोशन उनके नाम का दुरुपयोग कर रहा है यह पता चलने के बाद उन्होंने दो भाइयों में जमीन को लेकर विवाद जारी रहने की स्टोरी बनाई। उनमें से एक भाई वे खुद बने और रोशन को मिलने के लिए निगड़ी के होटल पूनागेट में बुलाया। जोसेफ रोशन का घर मालिक रहने से वह उनके बहकावे में आ गया। उसने दोनों भाइयों के जमीन का विवाद पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश के जरिये सुलझाने का झांसा दिया। उसके लिए तीन लाख रुपए की मांग की, हालांकि बाद में बात एक लाख रुपए पर तय हुई। पैसे लेने के लिए उसे रविवार की रात होटल में बुलाया गया। उसे देने के लिए बनाए गए नोटों के बंडल में ऊपर आठ हजार के नोट असली और बाकी नकली नोट शामिल थे। 

    कृष्ण प्रकाश ने नकली भेष हटाकर पहचान बताई

    पैसे लेते वक्त भी रोशन यह भांप न सका कि उसकी बगल बैठा शख्स कोई और नहीं खुद कृष्ण प्रकाश ही हैं। पैसे देते ही कृष्ण प्रकाश ने नकली भेष हटाकर पहचान बताई और वहां मौजूद पुलिस टीम ने उसे पकड़ लिया। रोशन बागुल ने जोसेफ से खुद को पुलिस बताकर ही उनका फ्लैट किराये पर लिया था। वह किराया तो नहीं देता बल्कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से उसकी जान पहचान बताकर की धमकी दे रहा था। उसके खिलाफ सोसायटी के लोगों की ओर से भी शिकायत की गई थी। वह चरहोली के तापकीर नाम के शख्स को पहले ही ठग चुका है। पुलिस को शक है कि उसने कई अन्य लोगों को भी ठगा व लूटा है। आरोपी के पास से साइबर क्राइम, महाराष्ट्र पुलिस हेल्पर वाला फर्जी पहचान पत्र मिला है। पुलिस मामले की आगे की जांच कर रही है।