
महाराष्ट्र: हाल ही में आई बड़ी खबर के मुताबिक, महाराष्ट्र को दहला देने वाले कोपर्डी रेप केस के आरोपी ने यरवदा जेल में आत्महत्या कर ली है। जी हां रेप केस के आरोपी ने आज सुबह पुणे की यरवदा जेल में आत्महत्या कर ली। आरोपी जितेंद्र उर्फ पप्पू शिंदे ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। ऐसे में अब इस घटना प्रारंभिक जानकारी है कि आरोपी जितेंद्र शिंदे द्वारा अपने ही कपड़ों से फांसी लगाने की घटना आज सुबह तड़के की है। आइए जानते है यहां पूरी खबर क्या है…
इस घटना की जानकारी मिलते ही अधिकारी वहां पहुंच गए हैं। आरोपी के शव को ससून अस्पताल ले जाया गया है जहां शव का पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। आपको बता दें कि अब तक आत्महत्या की वजह सामने नहीं आई है।
वास्तव में क्या हुआ?
जानकारी के लिए आपको बता दें कि कोपर्डी हत्याकांड का आरोपी जितेंद्र शिंदे यरवदा जेल में था। जेल की सुरक्षा नंबर एक के कमरा नंबर 14 में पप्पू ने सुबह करीब छह बजे तौलिया फाड़कर कपड़े के पट्टे से कमरे के दरवाजे पर बांधकर आत्महत्या कर ली। काम पर मौजूद जेल कर्मचारी नीलेश कांबले ने यह देखा और तुरंत अपने साथियों को बुलाया और पप्पू को नीचे उतारा, लेकिन तब तक उसकी जान जा चुकी थी। आत्महत्या की वजह अभी सामने नहीं आई है। जेल मनोचिकित्सक की सलाह पर पप्पू ने मानसिक बीमारी की नियमित दवा शुरू कर दी थी।
क्या है मामला?
गौरतलब हो कि 13 जुलाई 2016 को अहमदनगर जिले के कोपर्डी में एक नाबालिग लड़की के साथ बेरहमी से बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। इस मामले से राज्य में हड़कंप मच गया। आपको बता दें कि इस मामले में पुलिस ने नितिन भैलुमे, जीतेंद्र शिंदे और संतोष भवाल को गिरफ्तार किया था। नवंबर 2017 में तीनों आरोपियों को दोषी पाया गया और मौत की सजा सुनाई गई। हालांकि, इसके खिलाफ उन्होंने बॉम्बे बेंच में अपील की थी और सुनवाई अभी भी चल रही थी। कोपर्डी में मराठा आरक्षण के लिए ग्रामीणों ने फिर से भूख हड़ताल शुरू कर दी और उनकी मुख्य मांग थी कि इन अत्याचारियों को जल्द से जल्द मौत की सजा दी जाए।
जैसा कि हमने आपको बताया कोपार्डी की एक 15 वर्षीय स्कूली लड़की की तीन हमलावरों ने बेरहमी से हत्या कर दी और इस दिल दहला देने वाली घटना से पूरे महाराष्ट्र में आक्रोश फैल गया। इसके बाद पूरे मराठा समुदाय ने इस अत्याचार के खिलाफ एकजुट होकर राज्य भर में बड़े पैमाने पर शांतिपूर्ण मार्च निकाले। कई संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद गांव के पास की बस्तियों में रहने वाले तीन आरोपियों जितेंद्र उर्फ बाबूलाल शिंदे, संतोष गोरख भावल और नितिन गोपीचंद भैलुमे को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया।