Conspiracy to make 217 Corona warriors of YCM Hospital unemployed, labor leader Yashwant Bhosale war
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पिंपरी: वाईसीएम अस्पताल (YCM Hospital) में नई लॉन्ड्री मशीन (New Laundry Machine) लगाने की निविदा प्रक्रिया विशिष्ट ठेकेदार के साथ आर्थिक हितों पर आधारित है। इस कार्य के लिए प्रारंभ में निविदा जारी होने के बाद प्रतियोगिता के माध्यम से पारदर्शी दर प्राप्त की गई, लेकिन प्रशासन ने अचानक इस टेंडर को रद्द कर दिया और दूसरी बार टेंडर जारी कर दिया। उसके बाद सिर्फ दो टेंडर ही क्वालीफाई हुए। यह स्पष्ट रूप से देखा गया है कि दूसरी निविदा जारी करने में कठिन शर्तों को शामिल करके पसंदीदा ठेकेदारों को अर्हता प्राप्त करने के लिए प्रारंभिक निविदा को रद्द कर दिया गया है। इससे पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका को आठ साल में 21 करोड़ 69 लाख की आर्थिक हानि होगी। इसकी जांच कराकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। साथ ही दमनकारी शर्तों वाले टेंडर को निरस्त कर दोबारा टेंडर प्रकाशित किया जाए, यह मांग विधायक अश्विनी लक्ष्मण जगताप (MLA Ashwini Laxman Jagtap) ने पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका कमिश्नर शेखर सिंह (Pimpri-Chinchwad Municipal Commissioner Shekhar Singh) से की है।

इस संबंध में विधायक जगताप ने पीसीएमसी कमिश्नर शेखर सिंह को दिए ज्ञापन में कहा कि महानगरपालिका के वाईसीएम अस्पताल में नई लॉन्ड्री मशीन लगाने और लॉन्ड्री सेवाओं को लागू करने के लिए अगस्त 2022 में एक टेंडर जारी किया गया था। चूंकि इस निविदा में कोई दमनकारी नियम और शर्तें नहीं थीं, इसलिए बड़ी प्रतिस्पर्धा के माध्यम से पारदर्शी दरें प्राप्त की गईं। इस टेंडर को अचानक रद्द कर दिया गया, जबकि प्रशासन ने सबसे कम रेट जमा करने वाले टेंडर धारक से कीमत ब्रेकडाउन भी मांगा था। पहले टेंडर को रद्द कर जनवरी 2023 में दोबारा टेंडर जारी किया गया। इसमें कठिन नियमों और शर्तों को शामिल किया गया, जिसमें कम से कम छह लॉन्ड्री मशीन निर्माताओं से आधिकारिक पत्र प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया गया, ताकि केवल मर्जी के निविदाकर्ता ही पात्र हो सकें। इससे पहले ऐसी जटिल शर्तें कभी शामिल नहीं की गई थी। इसमें केवल दो ठेकेदार क्वालीफाई हुए। इससे यह स्पष्ट होता है ये सारी उधेड़बुन विशिष्ट ठेकेदार को ठेका दिलाने के लिए की गई है।

दोनों टेंडरदाताओं के वित्तीय लिफाफा क्यों खोले गए?

सरकारी विनियमों के अनुसार, किसी भी निविदा प्रक्रिया का संचालन करते समय कम से कम तीन निविदाकारों को अर्हता प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। अन्यथा उक्त निविदा की मियाद को कम से कम दो बार बढ़ाना अनिवार्य है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि महानगरपालिका के माध्यम से टेंडर प्रक्रिया के नियमों की धज्जियां उड़ाकर दोनों टेंडरदाताओं के वित्तीय लिफाफा क्यों खोले गए? नतीजतन टेंडर में प्रतिस्पर्धा नहीं होने से महानगरपालिका को करोड़ों रुपए का आर्थिक नुकसान होगा। सामान्यत: 37.66 रुपए प्रति किग्रा प्रतिदिन की बढ़ी हुई दर से 22 लाख 59 हजार 600 रुपए प्रति माह के हिसाब से निविदा अवधि के 8 वर्ष में 21 करोड़ 69 लाख रुपए की आर्थिक हानि होगी। यदि एक ही कार्य के लिए दो अलग-अलग दरें प्राप्त होती हैं तो उच्च स्तरीय प्रणाली के माध्यम से गहन जांच और सत्यापन किया जाना चाहिए। 

रद्द की जानी चाहिए निविदा 

पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका द्वारा गलत तरीके से लागू की जा रही इस निविदा प्रक्रिया से करोड़ों रुपए का आर्थिक नुकसान होगा और आम नागरिकों की मेहनत की कमाई के पैसे की बर्बादी को रोकने के लिए निविदा रद्द की जानी चाहिए। विधायक अश्विनी जगताप ने महानगरपालिका कमिश्नर से मांग की है कि पारदर्शी प्रतियोगी पुन: निविदाओं के प्रकाशन के संबंध में अपने स्तर से संबंधितों को उचित कार्रवाई के आदेश जारी किए जाएं।