Childrens Vaccination

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    पुणे: महाराष्ट्र में कोरोना (Corona ) के मरीजों (Patients) की संख्या में  इजाफा हो रहा है। किशोर उम्र के लड़के-लड़कियों के वैक्सीनेशन (Vaccination) में पुणे जिला (Pune District) जैसे-तैसे दूसरी श्रेणी में आया है। राज्य में औसत की तुलना में पहली डोज (First Dose) लेने वाली लड़कियों की संख्या कम होने की जानकारी राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने दी है। अगले सप्ताह से स्कूल खुल जाएंगे इसलिए अभिभावक अपने बच्चों का वैक्सीनेशन करा लें। यह राय विशेषज्ञों ने दी।

    राज्य में हर सप्ताह कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही हैं। इनमें से सर्वाधिक बढ़ोतरी फिलहाल मुंबई में नजर आ रही है। इसकी तुलना में पुणे शहर में कोरोना मरीजों की संख्या में मामूली इजाफा हो रहा है। ऐसे में कोरोना प्रतिबंधक वैक्सीनेशन का फेज महत्वपूर्ण साबित होगा।

    जिले में क्या है स्थिति

    18 वर्ष से अधिक उम्र वर्ग के लोगों के वैक्सीनेशन के मामले में पुणे जिला राज्य में दूसरे नंबर पर है। पहले नंबर पर चल रहे मुंबई में 111.61 प्रतिशत लोगों को पहला डोज मिल चुका है। दूसरा डोज लेने वालों की संख्या 101.06 प्रतिशत है। दूसरे नंबर वाले पुणे में पहला डोज लेने वालों की संख्या 110.41 प्रतिशत है, जबकि दूसरी डोज लेने वालों की संख्या 94.53 प्रतिशत है।

    पुणे 22वें नंबर पर

    राज्य में 12 से 14 उम्र वर्ग के किशोरों को कोवैक्सीन का डोज दिया जा रहा है। इस उम्र वर्ग के वैक्सीनेशन में नाशिक (85.46%), सांगली (83.69%) और अहमदनगर (83.13%) के साथ आगे है। पुणे जिला इस उम्र वर्ग के वैक्सीनेशन के मामले में 22वें नंबर पर है। जिले में पहली डोज लेने वाले किशोरों की संख्या 52% है, जबकि दोनों डोज लेने वालों की संख्या केवल 25.89 फीसदी है।

    उदासीनता क्यों

    • कोरोना की तीसरी लहर में 12 से 14 उम्र वर्ग के किशोर संक्रमित हुए थे। इससे पूर्व दोनों लहर में घर के सभी लोगों को कोरोना हुआ। उसके बावजूद छोटे बच्चों की रिपोर्ट निगेटिव आई थी, लेकिन तीसरी लहर में कोरोना संक्रमण का रुप क्या बदल गया है। जनवरी से मार्च के बीच कुछ किशोरों को कोरोना हुआ था। इसकी वजह से कोरोना की वैक्सीन लेना लंबा हो गया।
    • शुरुआत में परीक्षा होने और उसके दो वर्षों के बाद पहली बार छुट्टी में दूसरे शहर जाते और वहां से आते अभिभावकों ने वैक्सीन दिलाने से बचते रहे।
    • अभिभावकों से बात करने के बाद यह बात सामने आई है कि कोरोना के खतरनाक रुप धारण करने पर वैक्सीन उपयुक्त साबित होगा।
    • स्कूल शुरू होने के बाद भी वैक्सीन ले सकते है।

    कोरोना वैक्सीन लेने को लेकर जनजागृति अभियान शुरू किया गया है। ‘हर घर दस्तक’ इसका एक महत्वपूर्ण चरण है। इसके तहत हर घर जाकर नागरिकों से वैक्सीन लेने को लेकर अपील की जा रही है। खासकर 12 से 14 उम्र के लोगों के वैक्सीनेशन के लिए अभिभावकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। स्कूल, कॉलेज खुलने के बाद भी वैक्सीनेशन का फायदा बताया गया है।

    - डॉ. सूर्यकांत देवकर, टीकाकरण अधिकारी, पुणे महानगरपालिका

    कोरोना मरीजों की संख्या फिर से बढ़ने लगी है। इसलिए अपने बच्चों को लेकर दूसरी डोज दिलाने वैक्सीनेशन सेंटर पर जाएंगे। अगले सप्ताह से स्कूल खुल जाएगी। सतर्कता के तौर पर वैक्सीन ली जा रही है।

    -दीपाली बडबडे, पालक