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    पिंपरी:  स्थानीय लोगों के प्रखर विरोध के बावजूद पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) द्वारा दापोड़ी में झुग्गी पुनर्वास योजना (SRA) परियोजना लादी जा रही है। इसके विरोध में दापोडी एसआरए विरोधी संयुक्त कृति समिति द्वारा सोमवार को महानगरपालिका मुख्यालय (Municipal Headquarters) पर यलगार मोर्चा निकाला जा रहा है। इसकी जानकारी देने के लिए शनिवार को पिंपरी (Pimpri) में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सांसद श्रीरंग बारणे (MP Shrirang Barne) ने इस परियोजना को रद्द करने की मांग की। 

    इस संवाददाता सम्मेलन में पूर्व विधायक गौतम चाबुकस्वार, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की नगरसेविका माई काटे, आरपीआई की वरिष्ठ नेता और पूर्व नगरसेविका चंद्रकांता सोनकांबले, रिपब्लिकन युवा मोर्चा के अध्यक्ष राहुल डंबाले, मनसे के शहराध्यक्ष सचिन चिखले, सिकंदर सूर्यवंशी, गोपाल मोरे, विनय शिंदे, दिपक सालवे, रवि कांबले, मनोज उप्पार, शेखर काटे, सुप्रिया सालवी, वामन कांबले, सुधिर जम, श्रीमंत शिंदे, तुषार नवले, बंटी मुजावर, कमलेश पिल्ले, शशांक सालवी, पंडित कांबले, नितिन शिंदे, अजय ठोंबरे, संदिप तोरणे, नवनाथ डांगे, संतोष अडागले आदि उपस्थित थे।

    क्या ठेकेदार और अधिकारी स्मार्ट हो गए हैं?: सांसद बारणे 

    सांसद श्रीरंग बारणे ने कहा कि दापोडी में एसआरए प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी के तहत होगा। क्या यहां के लगभग 90% नागरिकों के विरोध के बावजूद निगम ठेकेदारों का पेट भरने के लिए यह प्रोजेक्ट लादा जा रहा है? क्या स्मार्ट सिटी में शहर स्मार्ट हो गया है, या ठेकेदार और अधिकारी स्मार्ट हो गए हैं? यह सवाल भी उन्होंने उठाया। महानगरपालिका ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पांच स्थानों पर परियोजनाओं को अंजाम दिया है। इसकी निर्माण दर बाजार मूल्य से अधिक है, लेकिन उस परियोजना में निर्माण की गुणवत्ता की भी जांच होनी चाहिए। 

    परियोजना से भ्रष्टाचार की बू आ रही 

    पूर्व विधायक एड. गौतम चाबुकास्वर ने कहा कि प्रशासन यहां रहने वाले नागरिकों को भरोसा में लिए बिना इस परियोजना को अंजाम देने की कोशिश कर रहा है। प्रशासन की मंशा है कि इन नागरिकों को तीन-चार भवन बनाकर और बाकी की जगह का निजीकरण कर मकान उपलब्ध कराएं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस परियोजना से भ्रष्टाचार की बू आ रही है। पूर्व नगरसेविका चंद्रकांता सोनकांबले ने कहा कि 20 साल पहले यहां साधारण मकान हुआ करते थे। अब दो, तीन मंजिला मकान हैं। 

    सोमवार को यलगार मार्च

    यहां कई परिवार रहते हैं। यहां के नागरिकों पर एसआरए रूपी खतरे की तलवार लटकी हुई है। यहां के नागरिकों के पास उनके घरों का 7/12 उपलब्ध है, वे नियमित रूप से संपत्ति कर का भुगतान करते हैं। अधिकांश नागरिक मांग कर रहे हैं कि एसआरए को स्थायी रूप से रद्द कर दिया जाए। हालांकि महानगरपालिका इस परियोजना के लिए बजट में प्रावधान कर रहा है। अब सभी राजनीतिक दल इसके खिलाफ एक साथ आ गए हैं। सोमवार को होने वाले यलगार मार्च में इलाके के सभी नागरिक हिस्सा लेंगे।

    2019 में हजारों आपत्तियां उठाई गई: राहुल डंबाले

    कृति समिति के समन्वयक राहुल डंबाले ने कहा कि दापोडी एसआरए ज्वाइंट एक्शन कमेटी के खिलाफ लड़ाई 2007 से चल रही है। सर्वेक्षण संख्या  68,69,71,72,73,74 जयभीम नगर, गुलाब नगर, सिद्धार्थ नगर, लिम्बोर वस्ती, महात्मा फुले नगर के निवासी पहले ही विरोध कर चुके हैं। 2007 में और फिर 2019 में हजारों आपत्तियां उठाई गई हैं।  हालांकि पिछले तीन साल महानगरपालिका ने इसके लिए कुछ करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। डंबाले ने सभी नागरिकों से सोमवार को यलगार महामोर्चा में शामिल होने की अपील की ताकि प्रशासन एक नागरिक भूमिका निभा सके और परियोजना को स्थायी रूप से रद्द कर सके।