पुणे: कोरेगांव-भीमा युद्ध (Bhima-Koregaon War) के 204 वर्ष होने के अवसर पर शनिवार दोपहर तक लाखों की संख्या में लोगों ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच महाराष्ट्र के पुणे जिले (Pune) में स्थित जयस्तंभ स्मारक (Jaystambh Memorial) पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस बार, कोविड-19 के मामले बढ़ने और संबंधित प्रतिबंधों के बावजूद बड़ी संख्या में लोग जुटे, जबकि इससे पहले 203वीं वर्षगांठ के मौके पर कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर बहुत कम संख्या में लोग जयस्तंभ पहुंचे थे।
पुलिस अधीक्षक (पुणे ग्रामीण) अभिनव देशमुख ने कहा, ‘‘आज दोपहर तक, जयस्तंभ पहुंचने वाले लोगों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई। हमें लगता है कि इसे देखते हुए आगंतुकों का पहुंचना शाम पांच बजे तक जारी रहेगा। लगभग 200 पीएमपीएमएल बस पुणे के विभिन्न क्षेत्रों से कोरेगांव-भीमा के लिए चल रही हैं। लाखों लोगों ने आज सुबह से श्रद्धांजलि अर्पित की है। विभिन्न स्थानों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है।” जिला प्रशासन ने कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए 60 साल से अधिक उम्र के लोगों और 10 साल से कम उम्र के बच्चों से जयस्तंभ पहुंचने से बचने की अपील की थी।
Maharashtra | People gathered today in huge numbers in Bhima Koregaon, Pune, on the 204th anniversary of the Bhima-Koregaon battle pic.twitter.com/6Y59aTBZq8
— ANI (@ANI) January 1, 2022
देशमुख ने कहा कि स्मारक पहुंचने वाले वरिष्ठ नागरिकों की संख्या तुलनात्मक रूप से कम है, हालांकि, 10 साल से कम उम्र के बच्चे अपने माता-पिता के साथ नजर आ रहे हैं। सामान्य समय में, मुख्य रूप से दलित समुदाय के लाखों लोग, हर साल एक जनवरी को जयस्तंभ देखने पहुंचते हैं। इस स्तंभ को अंग्रेजों ने 1818 की लड़ाई में पेशवाओं के खिलाफ लड़ने वाले सैनिकों की याद में बनवाया था।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार, राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल, समाज कल्याण मंत्री धनंजय मुंडे, ऊर्जा मंत्री नितिन राउत, सांसद आमोल कोल्हे और वीबीए नेता प्रकाश आंबेडकर भी आज सुबह पेरने गांव के पास स्थित जयस्तंभ पहुंचे।
पुणे के जिलाधिकारी राजेश देशमुख, संयुक्त पुलिस आयुक्त (पुणे), रवींद्र शिसवे, अभिनव देशमुख और जेडपी सीईओ आयुष प्रसाद ने पीएमपीएमएल (पुणे महानगर परिवहन महामंडल) की बस से यात्रा की। उन्होंने साथी यात्रियों से बातचीत की और प्रशासन द्वारा दी जा रही बस सेवा व अन्य सुविधाओं का जायजा लिया। स्मारक के पास भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं और कोविड-19 जांच आदि की व्यवस्था की गई है।
पुणे जिला प्रशासन की ओर से धारा 144 के तहत जारी एक आदेश के अनुसार स्मारक के आसपास के गांवों में बैनर आदि लगाना, ऐसी सामग्री पोस्ट करना जिससे अफवाह फैलने की आशंका हो, समुदायों के बीच घृणा पैदा हो सकती हो, आदि पर पाबंदी है। यह आदेश 30 दिसंबर आधी रात से प्रभावी है जो दो जनवरी सुबह छह बजे तक प्रभावी रहेगा।
गौरतलब है कि इस युद्ध के दो सौ वर्ष पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कोरेगांव-भीमा गांव के निकट हिंसा भड़क गई थी। पुलिस का कहना था कि आयोजन के एक दिन पहले पुणे में एल्गार परिषद के कार्यक्रम में ‘‘भड़काऊ” भाषणों के कारण यह हिंसा हुई थी। महाराष्ट्र में 2021 के अंतिम 12 दिनों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में काफी वृद्धि देखी गई है।
राज्य में शुक्रवार को संक्रमण के 8,067 नए मामले सामने आए, जो बृहस्पतिवार की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक हैं। राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार रात जारी नए दिशानिर्देशों में खुले या बंद स्थानों पर सभाओं में उपस्थिति 50 तक सीमित कर दी।