पुणे जिले के 5 विधायकों की बदौलत गूंजा महाराष्ट्र राज्यसभा चुनाव

  • एंबुलेंस से विधानभवन पहुंचे बीजेपी के 2 विधायक
  • नॉट रिचेबल रहे एनसीपी के 2 'नाराज' विधायक, उनके संपर्क में रहा 'टीम देवेंद्र' का 1 विधायक

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पिंपरी: राज्यसभा की महाराष्ट्र (Maharashtra ) की 6 सीटों के लिए हुआ चुनाव (Elections) न केवल प्रदेश, बल्कि पूरे देशभर में गूंज रहा है। छठी सीट के लिए हुए घमासान में बीजेपी (BJP) के धनजंय महाडिक ने बाजी मार ली। इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की ‘परफेक्ट प्लानिंग’ जिम्मेदार मानी जा रही है। उनके ‘करिश्मे’ के साथ ही राज्यसभा का यह चुनाव पुणे (Pune) जिले के पांच विधायकों की बदौलत पूरे राज्यभर में गूंज रहा है। इसमें एंबुलेंस से विधानभवन पहुंचे बीजेपी के दो, ‘नॉट रिचेबल’ रहे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नाराज दो विधायकों के अलावा उनके संपर्क में रह ‘टीम देवेंद्र’ का एक विधायक शामिल है। हालांकि बीजेपी का यह तीसरा और चर्चा के घेरों में रहा पांचवां विधायक कौन? इसको लेकर सियासी गलियारों में चर्चा का बाजार गरम है।

राज्यसभा के चुनाव में मतदान के लिए बीजेपी के विधायक लक्ष्मण जगताप (चिंचवड विधानसभा) और मुक्ता तिलक (पुणे कसबा विधानसभा) एंबुलेंस से विधानभवन पहुंचे। गंभीर बीमारियों से जूझ रहे इन दोनों विधायकों की कर्तव्य परायणता की चहुंओर सराहना की जा रही है। खुद पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्यसभा की जीत अपने इन जुझारू विधायकों को समर्पित की है। उनकी बदौलत ही बीजेपी को छठी सीट पर जीत हासिल हो सकी है।

चर्चा के घेरे में रहे एनसीपी के दो विधायक!

दूसरी ओर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के दो विधायक लगातार ‘नॉट रिचेबल’ रहने के कारण कल दिनभर चर्चा के घेरे में रहे। उनमें शामिल हैं पिंपरी विधानसभा से विधायक अण्णा बनसोडे और खेड़ विधानसभा से विधायक रहे दिलीप मोहिते। ये दोनों भी विधायक नाराज चल रहे हैं। इनमें से बनसोडे अपनी ही पार्टी से नाराज चल रहे हैं जबकि मोहिते महाविकास आघाडी के प्रमुख घटक दल शिवसेना से नाराज हैं। 

NCP विधायकों के नाराजगी की ये है वजह

विधायक अण्णा बनसोडे पिछले कुछ दिनों से अपनी पार्टी से नाराज चल रहे हैं। उन्हें स्थानीय और वरिष्ठ स्तर की निर्णय प्रक्रिया में कभी विश्वास में नहीं लिया गया। इसके साथ ही ठेकेदार से मारपीट और उन पर की गई फायरिंग के मामले में सत्ता में रहने के बाद भी उन्हें अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने से वे खासे तौर पर नाराज हैं। ठेकेदार से मारपीट मामले में उनके पुत्र के खिलाफ की गई पुलिसिया कार्रवाई में ज्यादती की गई। विधायक का कहना था कि जो घटना हुई वहीं मामला दर्ज किया जाए, मगर पुलिस ने हत्या के प्रयास जैसा गंभीर मामला दर्ज किया। इसके अलावा विधायक बनसोडे की नाराजगी की एक बड़ी वजह 2024 के विधानसभा चुनाव में उनके प्रतिस्पर्धी रह सकने वाले बीजेपी के अंसतुष्ट नेताओं के लिए बिछाया जा रहा ‘रेड कार्पेट’ भी है। इसलिए वे काफी देर तक ‘नॉट रिचेबल’ रहे। हालांकि इन दिनों वे बीमार चल रहे हैं, इसलिए वे देरी से विधानभवन पहुंचे, ऐसा बताया जा रहा। 

शिवसेना से नाराज हैं विधायक दिलीप मोहिते 

इसी प्रकार से खेड विधानसभा से एनसीपी के विधायक दिलीप मोहिते भी नाराज चल रहे हैं। हालांकि उनके नाराजगी की वजह शिवसेना है। शिरूर लोकसभा चुनाव क्षेत्र में एनसीपी और शिवसेना का संघर्ष चरम सीमा पर जा पहुंचा है। खेड पंचायत समिति के चुनाव में तो यह संघर्ष खूनी हमले और फायरिंग तक जा पहुंचा था। इसलिए वे किसी भी सूरत में शिवसेना प्रत्याशी को वोट देने के लिए तैयार न थे। हालांकि बाद में शीर्ष नेताओं द्वारा समझाने बुझाने के बाद वे विधानभवन पहुंचे और मतदान किया। 

वह पांचवां विधायक कौन? 

राज्यसभा का यह चुनाव बीजेपी और शिवसेना दोनों के लिए भी प्रतिष्ठा का चुनाव साबित हुआ। इसके लिए एक एक विधायक के वोट को महत्व प्राप्त था। इसी क्रम में बीजेपी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नाराज दोनों विधायकों की नाराजगी भुनाने की कोशिश की गई। इसके लिए एक रणनीति तय की गई और इसकी जिम्मेदारी ‘टीम देवेंद्र’ के एक विधायक पर सौंपी गई। बताया जा रहा है कि यह विधायक एनसीपी के दोनों विधायकों के लगातार संपर्क में था। हालांकि बीजेपी की यह रणनीति सफल नहीं हुई और शीर्ष नेताओं के समझाने बुझाने के बाद दोनों नाराज विधायक देरी से विधानभवन पहुंचे और पक्षादेश का पालन करते हुए मतदान किया। मगर उनकी नाराजगी को भुनाने और उनके संपर्क में रहा ‘टीम देवेंद्र’ का बीजेपी विधायक कौन? इसको लेकर राज्य और जिले के सियासी गलियारों में जोरदार चर्चा शुरू है।