पुणे: राज्य के 38 हजार गांवों का भारतीय सर्वेक्षण विभाग (Survey Department of India) द्वारा ड्रोन (Drone) से नक्शा (Map) तैयार करने का कार्य अंतिम चरण में पहुंचा हैं। इसमें पुणे जिले (Pune District) के पुरंदर, दौंड, हवेली तालुकों के लगभग 300 गांवों का नक्शा तैयार हो गया है। नागपुर, औरंगाबाद और अहमदनगर जिलों के गांवों के नक्शे तैयार किए गए हैं। राज्य में हर गांवों का ड्रोन के माध्यम से नक्शा तैयार करने का काम जारी है। इसके तहत भूमि-अभिलेख विभाग (Land-Records Department) द्वारा अब तक गांवों के कुल 10 हजार से अधिक संपत्ति कार्ड (Property Card) बांटे जा चुके हैं।
साल के अंत तक सभी को संपत्ति कार्ड मिल जाएंगे, ऐसा भारतीय सर्वेक्षण विभाग के निदेशक कर्नल सुनील फत्तेपुर ने बताया। भूमि अभिलेख द्वारा हर गांव के गांवों की सड़कों, संपत्तियों, गांव की सीमाओं आदि की सीमा चुनने में मदद के लिए रेखाकिंत की जा रही है, ऐसा फत्तेपुर ने बताया।
ड्रोन के जरिए हो रही मैपिंग
गांवों का ड्रोन की ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) द्वारा कुछ ही मिनटों में कई तस्वीरें ली जाती हैं। सॉफ्टवेयर में प्रोसेसिंग के बाद सभी तस्वीरों की मैपिंग की जाती है। इस नक्शे में गांव की हर संपत्ति का ब्योरा होता हैं। इसके बाद जमीन के रिकॉर्ड चेक किए जाते हैं और सभी को प्रॉपर्टी कार्ड जारी किया जाता है। इस संपत्ति कार्ड के वितरण के बाद नागरिकों की संपत्ति से संबंधित कुछ समस्याओं और सुझावों का भी निवारण किया जाता हैं।
गांव नियोजन के लिए उपयोगी
भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा गांवों के नक्शे ड्रोन की मदद से तैयार किए जा रहे हैं। तैयार किए गए गांव के नक्शे 1:500 सेमी स्केल में होते हैं। इससे गांवों के लिए नियोजन आसानी से संभव है। गांव के सरपंच और सदस्य गांव की विस्तृत योजना बना सकेंगे। गांव के खुले स्थान, यहां के जमीन के आरक्षण, उद्यान, स्कूल निर्माण स्थल, मैदान, मनोरंजन केंद्र आदि जनोपयोगी स्थान आरक्षित कर सकते हैं। साथ ही गांव की मुख्य सड़कों के साथ-साथ आंतरिक सड़कें, जल नालियां, सीवेज नालियां, बिजली नालियां भविष्य में जनसंख्या वृद्धि को ध्यान में रखते हुए योजना बनाई जा सकती हैं।