
- विपक्षी नेता दीपाली धुमाल की मांग
पुणे. पुणे महानगरपालिका (Pune Municipal Corporation) की ओर से मराठी भाषा (Marathi Language) संरक्षण समिति बनाई गई है। मराठी भाषा संरक्षण समिति की ओर से पुणे शहर (Pune City) में साहित्यिक कट्टा लागू किया जाता है। इस पहल में मराठी भाषा का प्रसार करने कई वरिष्ठ प्रसिद्ध लेखकों (Famous Writers) कवियों, साहित्यकारों के माध्यम से बुलाया जाता है।
मराठी भाषा में रुचि पैदा हो इसके लिए मराठी भाषा संरक्षण समिति बनाई गई है, लेकिन इसकी बैठक प्रत्येक माह में लेनी चाहिए। ऐसी मांग विपक्षी नेता दीपाली धुमाल (Deepali Dhumal) ने महापौर (Mayor) से की है। साथ ही साहित्यिकों के मानधन में वृद्धि करने की मांग भी धुमाल ने की है।
विपक्षी नेता ने रखी कई मांगे
विपक्षी नेता धुमाल के अनुसार, पुणे शहर में मौजूदा साहित्यिक क्लब में कई कार्यक्रमों को लागू किया जाता है। इन कार्यक्रमों में आमंत्रित को दिए जाने वाले मानदेय में वृद्धि की जानी चाहिए। 500 के बजाय 2000 रुपए तक बढ़ा दिया जाना चाहिए। जाने-माने मराठी लेखकों की पुस्तकें, किताबें और उपन्यास, साहित्यिक खंड पुस्तकालय में उपलब्ध कराए जाने चाहिए। साहित्यिक कट्टा में आनेवाले लेखकों को 3 महीने में कम से कम एक बार मराठी भाषा सम्मान समिति की बैठक में आमंत्रित किया जाना चाहिए। धुमाल के अनुसार, मराठी भाषा संरक्षण समिति की बैठक महीने में कम से कम एक बार होनी चाहिए। मनपा को विभिन्न प्रकार के शिविरों का आयोजन करना चाहिए। महापालिका को वाचन संस्कृति के लिए विशेष प्रयास करने चाहिए। जैसे कि पुस्तक प्रदर्शनियों का आयोजन, विभिन्न विषयों पर काव्य सम्मेलनों का आयोजन किया जाना चाहिए। देहु, आलंदी, सासवाड़ आदि की भ्रमण यात्राओं का आयोजन करना, पुरानी, नई पुरस्कार विजेता फिल्में दिखाना, लेखक का साक्षात्कार, लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन, बच्चों और वयस्कों के लिए एक दिन का साहित्य सम्मलेन ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए।