Meet Dr. Mangesh Karad at Navbharat Lockdown Vibes at 5 pm today

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नवभारत Lockdown Vibes में इस बार हम मिलने वाले हैं प्रख्यात शिक्षाविद डॉ. मंगेश कराड से। डॉ. कराड यूँ तो अपने आप में एक शिक्षा का मंदिर हैं और किसी परिचय के मोहताज नहीं है। लेकिन फिर भी हम अपने पाठकों से उनका एक औपचारिक परिचय जरुर करवाएंगे। दोस्तों, डॉ।मंगेश कराड, MAEER’S (महाराष्ट्र अकादमी ऑफ़ इंजीनियरिंग एजुकेशन एंड रिसर्च ) के MIT समूह के कार्यकारी निदेशक और सचिव हैं, जिसके आज अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के कई विदेशी संस्थानों के साथ टाई-अप है।

वे आज शाम 5 बजे नवभारत Lockdown Vibes में और फेसबुक पेज (https://www.facebook.com/enavabharat)  हमारे समक्ष उपस्तिथ होंगे और वे कोरोना संक्रमण के पश्चात बदलने वाले शिक्षा जगत पर अपने विचार रखेंगे। 

आज एक दशक से भी कम समय में डॉ. कराड ने MIT को एक नई पहचान दे दी है।  उन्होंने इस इंस्टिट्यूट के तहत एक नए तरह के  तकनीकी शिक्षा केंद्र की स्थापना की है।  इन्होने मरीन इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए मोल मित्सुई सिमुलेशन केंद्र सहित महाराष्ट्र विश्वविद्यालय अकादमी ऑफ नेवल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (MANET)और पुणे में विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए, MIT यूनिवर्सिटी ऑफ़ आर्ट, डिज़ाइन एंड टेक्नोलॉजी की भी स्थापना की जो अब महाराष्ट्र के 5 वें निजी राज्य विश्वविद्यालय के रूप में रैंक करता है। इस प्रकार भारत के शिक्षा पटल पर डॉ। मंगेश कराड आज अपने छात्रों के लिए गुरु द्रोण के सामान सम्मान रखते हैं।

हाल ही में अपने फेसबुक पेज पर डॉ. कराड ने कोरोना संक्रमण के पश्चात बदलने वाली शिक्षा व्यवस्थाओं पर अपने विचार रखे थे। उनका कहना था कि “कोरोना के चलते अब शिक्षा को लेकर लोगों कि मानसिकता बदलेगी और डिजिटल लर्निंग को अच्छा खासा बढ़ावा मिलेगा । हाँ अगर हम अगर छात्रों के एडमिशन के पैमाने को देखें तो इस पर अच्छा खासा फर्क पड़ेगा। वहीं हो सकता है हमें अब अपने शिक्षा केन्द्रों के शुल्क संरचना में भी बदलाव करने होंगे।“  उनका ये भी मानना था कि “अब देश कि शिक्षा व्यवस्थाओं पर कुछ बदलाव करने होंगे जैसे कि मेडिकल शिक्षा में। हमें मेडिकल शिक्षण कि लागत कम करनी होगी जिससे हमें कम समय और कम लागत  में अच्छे डॉक्टर्स हमे मिल सके। ताकि अगर कोरोना जैसी फिर कोई आपदा हो तो हमें कुशल चिकित्सकों कि कमी न हो।“ 

उनका यह भी कहना था कि आज सामान्य शैक्षणिक गतिविधियों  को भी कोरोना के कारण प्रभावित होना पड़ रहा है। जिसके कारण    दुनिया भर के विश्वविद्यालयों को बंद किया जा रहा है। इसीके चलते आज भारत में भी आईआईटी, आईआईएससी, और एनआईटी जैसे प्रमुख विश्वविद्यालयों और प्रमुख संस्थानों ने अपने कक्षा-आधारित शिक्षण को रोक दिया है। उनका मानना है कि छात्रों की इस  नुकसान की भरपाई के लिए ऑनलाइन राष्ट्रीय शिक्षा भंडार SWAYAM NPTEL एक बेहतर विकल्प होगा।

डॉ. मंगेश कराड कहते हैं कि अब विश्वविद्यालयों के साथ-साथ छात्रों को भी ऐसे अपने शिक्षण कार्यक्रम में ऐसे पाठ्यक्रमों को अपनाने और एकीकृत करने की  आवश्यकता होगी जिनमे छात्रों, शिक्षाविदों और शिक्षण संस्थानों के बीच जुड़ाव को व्यापक स्तर पर बढ़ाने की क्षमता हो ।ऐसे ही अनेक ख़ास बातों के साथ डॉ. मंगेश कराड हमारे साथ आज शाम 5 बजे नवभारत Lockdown Vibes में उपतिथ होंगे। तो दोस्तों भूलियेगा नहीं, हम आपका इन्तेजार करेंगे।