Sharad Pawar pune Metro

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    पिंपरी: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के सुप्रीमो शरद पवार (Supremo Sharad Pawar) ने सोमवार को पिंपरी-चिंचवड़ (Pimpri-Chinchwad) इलाके में फुगेवाड़ी मेट्रो स्टेशन (Fugewadi Metro Station) का निरीक्षण किया और फुगेवाड़ी से पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका  तक मेट्रो (Metro) का सफर भी तय किया। उनकी मेट्रो यात्रा ने सियासी गलियारों में बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने इस पर आपत्ति जताई है। शरद पवार ने स्थानीय नेता प्रतिनिधि को छोड़कर मेट्रो का ट्रायल क्यों लिया? पाटिल ने इसकी आलोचना करते हुए चेतावनी दी कि यह श्रेयवाद का एक रूप है। इसके लिए महा मेट्रो के खिलाफ अधिकारों के हनन का प्रस्ताव दाखिल करेंगे। इस बीच महामेट्रो प्रशासन (Mahametro Administration) ने स्पष्टीकरण दिया है कि शरद पवार की मौजूदगी में मेट्रो की ट्रायल रन (Metro Trial Run) नहीं हुआ है।

    पिंपरी-चिंचवड़ की महापौर ऊषा ढोरे ने भी शरद पवार के मेट्रो दौरे पर आपत्ति जताते हुए मेट्रो प्रशासन की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि मेट्रो प्रशासन को इस दौरे को लेकर स्थानीय पदाधिकारी यहां तक खुद महापौर तक को अंधेरे में रखा गया। अब पुणे महामेट्रो ने इस पर स्पष्टीकरण दिया है। महामेट्रो के जनसंपर्क अधिकारी हेमंत सोनवणे ने बताया कि 2019 में इस रूट पर मेट्रो का ट्रायल रन (परीक्षण) पूरा हो चुका है। शरद पवार सिर्फ इस प्रोजेक्ट के बारे में जानना चाहते थे। मेट्रो प्रोजेक्ट को शुरू हुए साढ़े चार साल हो चुके हैं, लेकिन ये यहां नहीं आए थे। इसलिए हमने उन्हें इस परियोजना के बारे में सूचित किया और वे फुगेवाड़ी से पिंपरी-चिंचवड़ महानगर पालिका तक गए। उन्होंने कहा कि उनकी मौजूदगी में मेट्रो का ट्रायल रन नहीं हुआ। 

    भाजपा का सही मायने में क्या दर्द है?: प्रशांत शितोले

    इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस के कार्याध्यक्ष एवं स्थायी समिति के पूर्व सभापति प्रशांत शितोले ने संवाददाताओं के साथ की गई बातचीत में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल की टिप्पणी और महापौर उषा ढोरे द्वारा की गई निंदा का जवाब देते हुए सवाल उठाया कि पाटिल और भाजपा का सही मायने में क्या दर्द है? यह उन्हें स्पष्ट करना चाहिए। उन्हें यह स्पष्ट रूप से बताना चाहिए, शरद पवार ने मेट्रो का दौरा किया भाजपा का दर्द यह है या फिर पवार ने पिंपरी-चिंचवड़ के मसलों पर ध्यान दिया इसकी तकलीफ है? अगर इतनी ही तकलीफ हो रही हो तो पिंपरी से निगड़ी तक मेट्रो विस्तार के डीपीआर को केंद्र सरकार से मंजूरी क्यों नहीं दिलाते?