पिंपरी: पिछले इस सप्ताह से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नए शहर अध्यक्ष अजीत गव्हाने (Ajit Gawane) काफी आक्रामक नजर आ रहे हैं। दो दिन पहले रेडी रेकनर की दरों से भोसरी विधानसभा क्षेत्र के विकास पर सवाल उठाने के साथ उन्होंने बीजेपी विधायक महेश लांडगे (MLA Mahesh Landge) के महत्वाकांक्षी ‘विजन 2020’ की धज्जियां उड़ाई। इसके बाद मोशी कचरा डिपो (Moshi Garbage Depot) में लगी भीषण आग (Fire) से भोसरी विधानसभा क्षेत्र की सियासत फिर गरमा गई है। एनसीपी के शहर अध्यक्ष गव्हाने ने बीजेपी पर सवाल दागा है कि यह आग खुद लगी या अपने भ्रष्टाचार के कुकर्मों को छिपाने के लिए लगाई गई है?
बुधवार शाम करीब पांच बजे मोशी कचरा डिपो में अचानक आग लग गई। दमकल की ओर से आग पर काबू पाने के प्रयास किए जा रहे हैं। आग ने हर स्तर पर संदेह पैदा कर दिया है। इस पर एनसीपी के शहर अध्यक्ष अजीत गव्हाने ने भी संदेह जताया है और जांच की मांग की है।
आग लगने के कारणों की हो जांच
मोशी में कचरा डिपो में लगी आग संदेहास्पद है और हमें संदेह है कि यह बीजेपी से जुड़े ठेकेदारों और भ्रष्ट बीजेपी नेताओं को बचाने के लिए शुरू किया गया है जो करोड़ों रुपए का काम किए बिना बिल जमा कर रहे थे। गव्हाने ने महानगरपालिका कमिश्नर से आग लगने के कारणों की तत्काल जांच की मांग की है।
बीजेपी पर साधा निशाना
अजीत गव्हाने ने इस संबंध में एक बयान जारी कर कहा है कि मोशी में महानगरपालिका का कचरा डिपो है। बुधवार को कचरा डिपो में लगी आग अब तक की सबसे भीषण आग है। कचरा डिपो का प्रबंधन स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाता है, यहां कई पर्यावरणीय उपाय किए जाते हैं। इन पर महानगरपालिका हर साल करोड़ों रुपए खर्च करता है। मोशी स्थित कचरा डिपो में अनुबंध के आधार पर किए जा रहे कार्यों को बीजेपी विधायक के करीबी ठेकेदारों को सौंप दिया गया है। इन ठेकेदारों को कोरोना काल में बिना कोई काम किए अरबों रुपए का भुगतान कर दिया गया है। वेस्ट टू एनर्जी, बायोमाइनिंग, कैपिंग, दवा छिड़काव आदि करोड़ों रुपये के ठेके बीजेपी के दिग्गजों ने अपने साथियों को दिए हैं। इनमें से कोई भी काम पूरा नहीं हुआ है।
…तो करेंगे आंदोलन
बीजेपी ने सत्ता के बल पर कार्यकाल बढ़ा कर ठेकेदारों का पेट भरने का काम किया है। हो सकता है कि आग का इस्तेमाल बीजेपी के नेताओं ने अपने ठेकेदारों को बचाने के लिए किया हो और इस तरह पिछले पांच वर्षों में मोशी कचरा डिपो के माध्यम से लूटे गए अरबों रुपए को दबाने के लिए इस्तेमाल किया गया हो। इसलिए भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने और लोगों के सामने सच्चाई लाने के लिए आग लगाई गई थी या नहीं, इसकी जांच के लिए एक तत्काल समिति नियुक्त की जानी चाहिए। जांच कमेटी नहीं बनी तो महानगरपालिका के सामने उग्र आंदोलन की चेतावनी भी गव्हाने ने दी है।