पुणे: कोरोना वैक्सीन (Vaccine) के दोनों डोज (Both Doses) लेने वाले नागरिकों में कोरोना का संक्रमण (Corona Infection) होने की आशंका काफी कम होती है। इनकी संख्या कुल संक्रमितों (Infected) की तुलना में काफी कम है। दोनों डोज लेने के बावजूद जिसमें कोरोना का संक्रमण हुआ है, उनमें से अधिकतर मरीज ( Patients) होम क्वारंटाइन (Home Quarantine) के दौरान ही ठीक हो रहे हैं। इनमें गंभीर लक्षण दिखाई नहीं देता। उन्हें इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती करने की नौबत नहीं हुई है। ऐसा निष्कर्ष पुणे महानगरपालिका (Pune Municipal Corporation) के विश्लेषण से सामने आया है।
विशेष तौर पर कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लेने वाले केवल नौ प्रतिशत नागरिकों को ही कोरोना का संक्रमण हुआ है। इसलिए कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज शेष होने वाले नागरिकों ने तत्काल दूसरा डोज लेने की अपील पुणे महानगरपालिका की ओर से की गई है।
एक वर्ष में 62 लाख 86 हजार 156 लोगों को दोनों डोज
राज्य में कोरोना का पहला मरीज 9 मार्च 2020 को पुणे में मिला था। उसके बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार वृद्धि होने लगी। शहर में पिछले 22 महीनों में अब तक कुल मिला कर 6 लाख मरीज कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। मरीजों की संख्या नियंत्रित रखने 16 जनवरी 2021 से कोरोना वैक्सीनेशन काफी तेजी से किया जा रहा है। शुरूआत में स्वास्थ्य कर्मचारी, बाद में फ्रंटलाइन वर्कर्स, सीनियर सिटीजन्स, 45 वर्ष से अधिक उम्र के तथा बाद में 18 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों का वैक्सीनेशन कराकर मुहिम का विस्तार किया गया। इस वर्ष तीन जनवरी से 15 से 18 वर्ष उम्र गुट के बच्चों का भी वैक्सीनेशन शुरू किया गया है। शहर में पिछले एक वर्ष में 62 लाख 86 हजार 156 नागरिकों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज दि गए हैं।
संक्रमित पाए जाने के बाद भी घर पर ही ठीक हुए
पुणे महानगरपालिका के विश्लेषण में पाया गया है कि कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले नागरिकों में कोरोना संक्रमित पाए जाने का प्रतिशत कम है, और कोरोना वैक्सीन लेने के बाद भी संक्रमण होने वालों की संख्या कुल संक्रमितों की तुलना में कम है। ऐसे नागरिकों में वैक्सीन लेने के बाद भी कोरोना संक्रमण हुआ है, लेकिन उनमें से अधिकतर मरीज होम क्वारंटाइन के दौरान ही ठीक हो गए। उन्हें इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती करने की जरूरत नहीं हुई, ऐसा निष्कर्ष सामने आया है। फिलहाल शहर में कोरोना संक्रमित 45 हजार 950 एक्टिव मरीज हैं, लेकिन उनमें से केवल 72 मरीज इलाज के लिए आईसीयू वेंटिलेटर पर हैं। शहर में पिछले एक वर्ष में चार लाख 632 लोगों को कोरोना संक्रमण हुआ है, लेकिन उनमें से दोनों डोज लेकर भी संक्रमण होने वाले संख्या केवल नौ प्रतिशत ही है।