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पुणे/कोल्हापुर: दो से पांच साल की विकास अवधि के बाद राज्य में कई उद्यमियों (Entrepreneurs) ने औद्योगिक क्षेत्रों में भूखंडों (Plots) को अपने कब्जे में रखा है। महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल (MIDC) ने इन भूखंडों को विकसित करने के लिए विशेष विस्तार योजना के तहत आवेदन करने का आग्रह किया है। योजना के तहत आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 जून है। 

एमआईडीसी ने कोल्हापुर (Kolhapur) और सातारा जिले के कुल 536 उद्यमियों को नोटिस (Notice) भेजा है कि जो उद्यमी योजना का लाभ लेकर भूखंडों का विकास नहीं करेंगे उनके भूखंड जब्त कर लिए जाएंगे।

MIDC द्वारा दी गई सीधी चेतावनी

एमआईडीसी ने देखा कि कुछ उद्यमियों ने प्लॉट को विकसित करने और भवन पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त करने और उत्पादन शुरू करने के लिए समय का विस्तार देने के बावजूद प्लॉट को पूरी तरह से विकसित नहीं किया है। पिछले दो वर्षों में कोरोना की पृष्ठभूमि में उद्यमियों को विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इसे ध्यान में रखते हुए एमआईडीसी ने राज्य सरकार के परिपत्र के अनुसार और औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करने के अंतिम अवसर के रूप में प्लॉट विकास के लिए एक विशेष विस्तार योजना लागू करने का निर्णय लिया। 

प्लॉट लेने का विशेष अभियान चलाएगा

इस योजना के तहत आवेदन स्वीकार करने की प्रक्रिया फरवरी से शुरू हुई थी। इस नोटिस के तहत कोल्हापुर, सातारा जिले के विभिन्न 15 औद्योगिक क्षेत्रों के उद्यमियों से विशेष विस्तार योजना का लाभ लेने की अपील की गई है। एमआईडीसी का क्षेत्रीय कार्यालय 31 अगस्त तक योजना का लाभ नहीं लेने वालों से प्लॉट लेने का विशेष अभियान चलाएगा।

तत्काल प्लॉट वापस लेने की कार्रवाई की जाएगी

एमआईडीसी द्वारा भेजे गए इन नोटिसों के जवाब में अब तक कोल्हापुर, सातारा जिलों में लगभग 100 प्लॉट धारक उद्यमियों ने विशेष विस्तार योजना में भाग लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन भरे हैं। नोटिस के जवाब में पात्र उद्यमियों को निर्माण पूर्णता प्रमाण पत्र के साथ उत्पादन लेना आवश्यक है। विशेष विस्तार योजना का लाभ नहीं लेने वाले उद्यमियों से तत्काल प्लॉट वापस लेने की कार्रवाई की जाएगी। उन्हें प्लॉट विकसित करने का एक और मौका नहीं दिया जाएगा।