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    पिंपरी : स्वच्छ सर्वेक्षण (Swachh Survekshan) पर जागरूकता कार्यशालाओं में गैरहाजिर रहे पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) के 7 उपायुक्तों (Deputy Commissioners) और 4 सहायक आयुक्तों (Assistant Commissioners) पर कार्रवाई की गाज गिरी है। महानगरपालिका के प्रशासक और कमिश्नर शेखर सिंह (Commissioner Shekhar Singh) ने इन 11 आला अधिकारियों पर कार्य में लापरवाही बरतने और कार्यशाला में अनुपस्थित रहकर कार्यालयीन अनुशासन भंग करने के आरोप तले कारण बताओं नोटिस जारी किया है। इसमें उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए? इसका तीन दिन के भीतर लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने को कहा गया है।  

    नोटिस जारी किए गए महानगरपालिका के आला अधिकारियों में सामान्य प्रशासन विभाग के उपायुक्त विठ्ठल जोशी, स्काई साइन एंड लाइसेंस विभाग के सचिन ढोले, उद्यान विभाग म सुभाष इंगले, समाज विकास विभाग के चंद्रकांत इंदलकर, भांडार विभाग के मनोज लोणकर, एलबीटी विभाग की स्मिता झगडे, शिक्षण विभाग के संदीप खोत, भूमि और जिंदगी विभाग के सहायक आयुक्त प्रशांत जोशी, करसंकलन विभाग के निलेश देशमुख, झुग्गी निर्मूलन और पुनर्वास विभाग की सुषमा शिंदे और ‘ह’ क्षेत्रीय कार्यालय के क्षेत्रीय अधिकारी विजयकुमार थोरात का समावेश है। उन्हें नोटिस गुरुवार को दिया गया है और तीन दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है।

    उपरोक्त 11 अधिकारी महानगरपालिका में समूह ‘क’ स्तर के महत्वपूर्ण और जिम्मेदार पदों पर कार्यरत हैं। उन्हें विभाग प्रमुख के रूप में महत्वपूर्ण कार्य सौंपा गया है। तदनुसार, यह सभी की जिम्मेदारी है कि वे सौंपे गए कर्तव्यों और वरिष्ठों द्वारा समय-समय पर सौंपे गए कार्यों के साथ-साथ बुलाई गई बैठकों और कार्यशालाओं में भाग लें। स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में महानगरपालिका ने भाग लिया है। केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत अभियान की तर्ज पर राज्य में स्वच्छ महाराष्ट्र अभियान (सिविल) लागू किया जा रहा है। तदनुसार, कमिश्नर शेखर सिंह की अध्यक्षता में, ह्यूमन मेट्रिक्स सिक्योरिटी ने 29 नवंबर को ऑटो क्लस्टर में सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस बैठक में सभी विभाग प्रमुखों को उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि, ये सभी इस बैठक में अनुपस्थित रहे। 

    कानूनी कार्रवाई होगी 

    कार्यशाला में अनुपस्थित रहकर इन अधिकारियों ने कार्यालय के अनुशासन का उल्लंघन किया है। यह मामला अत्यंत गंभीर है और कार्यालयीन प्रक्रिया की दृष्टि से उचित नहीं है। उनका यह बर्ताव स्पष्ट रूप से महाराष्ट्र सिविल सेवा के प्रावधानों के उल्लंघन को दर्शाता है। तो क्यों न आपके खिलाफ म्यूनिसिपल एक्ट के प्रावधानों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए? इस आशय की नोटिस जारी कर तीन दिनों के भीतर इसका लिखित खुलासा प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए हैं। नोटिस में कमिश्नर ने चेतावनी दी है कि यदि समय सीमा के भीतर जवाब प्रस्तुत नहीं किया जाता है या जवाब असंतोषजनक पाया जाता है, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।