property tax

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    पिंपरी: मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाली महाविकास आघाडी सरकार (Maha Vikas Aghadi Govt.) ने मुंबई शहर (Mumbai City)में 500 वर्ग फीट क्षेत्र तक के रिहायशी संपत्तियों का संपत्ति कर (Property Tax) माफ करने का फैसला किया है। अब पिंपरी-चिंचवड़ शहर (Pimpri-Chinchwad City) से भी यह मांग जोर पकड़ने लगी है। जहां भाजपा शहराध्यक्ष और विधायक महेश लांडगे और महापौर ऊषा उर्फ माई ढोरे ने पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका की सर्वसाधारण सभा में 500 वर्ग फीट क्षेत्र की रिहायशी संपत्तियों को पूर्णतया कर माफी देने संबन्धित दो साल पहले पारित प्रस्ताव की याद दिलाई है। वहीं शिवसेना के सांसद श्रीरंग बारणे ने मुंबई की तर्ज पर पिंपरी-चिंचवड़ में भी इसका फैसला कर शहरवासियों को राहत देने की गुहार लगाई है।

    महेश लांडगे ने एकनाथ शिंदे को दिया ज्ञापन

    भाजपा के विधायक महेश लांडगे ने शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे को सौंपे एक ज्ञापन में कहा है कि पिंपरी-चिंचवड़ की आबादी 27 लाख से अधिक है। पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका नागरिकों को विभिन्न सुविधाएं प्रदान करता है। यह शहर कई आम नागरिकों का घर है और उनका गृह क्षेत्र 500 वर्ग फुट है। सामान्य आर्थिक स्थिति वाले नागरिकों ने गुंठा आधा गुंठा जमीन खरीद कर अपना घर बना लिया है। हालांकि प्रशासन ने इन घरों को अवैध करार दिया है। इस बीच, राज्य सरकार ने मुंबई महानगरपालिका क्षेत्र में 500 वर्ग फुट तक के घरों को संपत्ति कर में छूट देने का फैसला किया है। इसी तर्ज पर हम पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका क्षेत्र में 500 वर्ग फुट तक के घरों के लिए 100 प्रतिशत कर छूट की मांग करते हैं। 

    2 साल पहले ही महानगरपालिका में प्रस्ताव को मिली मंजूरी

    खासकर पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका प्रशासन ने दो साल पहले महानगरपालिका की आम सभा की बैठक में 500 वर्ग फुट तक के मकानों पर संपत्ति कर माफ करने के प्रस्ताव को मंजूरी देकर कमिश्नर के माध्यम से राज्य सरकार को भेजा था। हालांकि इस पर राज्य सरकार ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है।  

    राज्य सरकार ने की प्रस्ताव की अनदेखी

    कोरोना महामारी के कारण कई नागरिक इस समय आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। मुंबई महानगरपालिका में राज्य सरकार ने साहसिक फैसला लेते हुए कई नागरिकों को राहत दी है। इसी के तहत विधायक लांडगे ने यह भी मांग की है कि पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका में ऐसा निर्णय देकर शहर के नागरिकों को आर्थिक संकट से उबारा जाए। मुंबई महानगरपालिका के नागरिकों को राहत देने की भूमिका राज्य सरकार ने ली तो पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका के नागरिकों के साथ अन्याय क्यों? यह सवाल उठाया जा रहा है। पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका प्रशासन 10 जनवरी, 2020 को 500 वर्ग फुट तक की आवासीय संपत्ति पर 100 प्रतिशत कर छूट देने का निर्णय लिया गया। यह प्रस्ताव तत्कालीन कमिश्नर श्रवण हार्डिकर के हस्ताक्षर के साथ राज्य सरकार को भेजा गया था। कर माफ करने का अधिकार राज्य सरकार के पास है। दो साल पहले इस प्रस्ताव को भेजने के बावजूद, जो पिंपरी-चिंचवडकर के लिए राहत की बात है, सरकार ने इसे नजरअंदाज कर दिया, यह नाराजगी भी लांडगे ने जताई है।

    महापौर ने की शहरवासियों को राहत देने की मांग

    महापौर उषा उर्फ माई ढोरे ने भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर मुंबई की तर्ज पर पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका क्षेत्र में 500 वर्ग फुट तक की आवासीय संपत्ति पर संपत्ति कर में पूरी छूट देने की मांग की है। पिंपरी-चिंचवड़ एक औद्योगिक और श्रमिकों का शहर है और यहां कई गरीब श्रमिक रहते हैं। कोरोना वायरस का संकट पूरी तरह से टला नहीं होने के कारण कई उद्योग और व्यवसाय उबर नहीं पाए हैं।  इसलिए शहर में कई गरीब मजदूरों, कामगारों और निजी मजदूर वर्ग की आर्थिक स्थिति को देखते हुए 500 वर्ग फुट तक के आवासीय मकानों पर संपत्ति कर समाप्त करने से सभी आम संपति कर धारकों को राहत मिलेगी। 

    महापौर ने लिखा सीएम को पत्र

    आम सभा में भी पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका क्षेत्र में 500 वर्ग फुट तक की आवासीय संपत्ति पर कर माफ करने का प्रस्ताव पारित किया गया है। तदनुसार, महापौर  मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में मांग की है कि पिंपरी चिंचवड़ में 500 वर्ग फुट तक की आवासीय संपत्ति का संपत्ति कर उसी तरह माफ किया जाना चाहिए जैसे बृहन्मुंबई नगर निगम में माफ किया गया।

    शिवसेना सांसद श्रीरंग बारणे ने भी लगाई गुहार

    शिवसेना सांसद श्रीरंग बारणे ने भी राज्य सरकार से गुहार लगाते हुए शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि पिंपरी-चिंचवड़ में देश के कोने-कोने से लोग रोजी-रोटी के लिए बस कर चुके हैं। शहर में 5 लाख 60 हजार संपत्तियां पंजीकृत हैं, जिसमें से 1 लाख 60 हजार घर 500 वर्ग फुट आकार के हैं। 500 वर्ग फुट तक के घरों में गरीब परिवार रहते हैं। इन नागरिकों की खराब वित्तीय स्थिति के कारण, उनके लिए संपत्ति कर का भुगतान करना संभव नहीं है। कोरोना की बदौलत सभी की  आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। अब जबकि कोरोना की स्थिति से उबरकर सभी लेन-देन सुचारू रूप से चल रहे हैं, कोरोना संकट फिर से गहराता जा रहा है।  कोरोना मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। इस संकट की घड़ी में 500 वर्ग फुट के घरों में रहने वाले गरीब नागरिकों को राहत देना जरूरी है।  महानगरपालिका प्रशासन से शहरवासियों में गहरा रोष है।  इसलिए शहर के गरीब नागरिकों को राज्य की महाविकास अघाड़ी सरकार से काफी उम्मीदें हैं। मुंबई महानगरपालिका ने 500 वर्ग फुट तक की संपत्ति पर पूरा संपत्ति कर माफ कर दिया है। राज्य सरकार ने इसे सील कर दिया है। इसी तरह पिंपरी-चिंचवड़ शहर में 500 वर्ग फुट तक की संपत्तियों पर लगने वाले पूरे टैक्स को माफ किया जाए। इस संबंध में तत्काल निर्णय लेकर गरीब नागरिकों को राहत दी जाए।