उद्यानों में प्रवेश शुल्क लेने के फैसले का विरोध, MLA लक्ष्मण जगताप ने जताई कड़ी आपत्ति

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    पिंपरी: एक ओर प्रशिक्षण के नाम पर अधिकारियों-कर्मचारियों को लोनावला ले जाकर होटलों में पिंपरी-चिंचवडकरों के लाखों रुपए लुटाए जा रहे हैं और दूसरी ओर पार्कों में मनोरंजन के लिए आने वाले नागरिकों और चरवाहों से शुल्क वसूलने का फैसला किया जा रहा है। यह फिजूलखर्ची और धन उगाहने से काम नहीं चलेगा। इन शब्दों में बीजेपी के वरिष्ठ विधायक लक्ष्मण जगताप (MLA Laxman Jagtap) ने कड़ी आपत्ति जताते हुए पिंपरी-चिंचवड के महानगरपालिका कमिश्नर राजेश पाटिल (Municipal Commissioner Rajesh Patil) से मांग की है कि पार्कों (Parks) में प्रवेश शुल्क लगाने के उद्यान विभाग के प्रस्ताव को तत्काल रद्द किया जाए।

    इस संबंध में विधायक लक्ष्मण जगताप ने महानगरपालिका कमिश्नर राजेश पाटिल को बयान दिया है। इसमें कहा गया है कि शहर में विभिन्न स्थानों पर हानगरपालिका के कुल 195 सार्वजनिक पार्क हैं। इन पार्कों को इसलिए विकसित किया गया है ताकि शहर के टैक्स देने वाले नागरिक खुलकर सांस ले सकें और जीवन के कुछ पलों को फुरसत की तरह जी सकें। इन पार्कों के जरिए पर्यावरण संतुलन का काम भी किया जाता है। इन पार्कों में शहर के वरिष्ठ नागरिक, महिलाएं और बच्चे आते हैं। मनोरंजन के लिए बनाए गए इस पार्क में प्रशासन ने नागरिकों से 20 रुपए और बच्चों से 10 रुपए प्रवेश शुल्क प्रवेश शुल्क वसूलने का प्रस्ताव तैयार किया है। 

    नागरिकों से कोई शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए

    विधायक लक्ष्मण जगताप ने कहा कि जब शहर की आवश्यकता न हो तो कई छोटे विकास कार्यों के लिए किराए पर लिए गए सलाहकारों पर अनावश्यक खर्च को कम करके पार्क रखरखाव के लिए इसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए। पार्क में आने वाले नागरिकों से कोई शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए। शहर में कई बड़े महानगरपालिका भवन और हॉल हैं। 

    प्रशिक्षण के नाम पर लुटाए जा रहे लाखों रुपए

    इसके बावजूद सफाई और ठोस कचरा प्रबंधन के प्रशिक्षण के नाम पर अधिकारियों और कर्मचारियों को लोनावला में एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। होटल में आयोजित इस प्रशिक्षण पर पिंपरी-चिंचवडकरों द्वारा भुगतान की गई धनराशि से प्रशासन ने लाखों रुपए लुटाए और दूसरी ओर पार्क में आने वाले नागरिकों से फीस वसूलने का प्रस्ताव प्रशासन की फिजूलखर्ची और मानसिकता को दर्शाता है। 

    प्रस्ताव को तुरंत वापस लिया जाए

    यह मानसिकता शहर के विकास या हित के लिए नहीं है। इस तरह का व्यवहार कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन के मामलों को लेकर पिंपरी-चिंचवडकरों में भारी रोष है। प्रशासन को इस तरह की गतिविधियों पर समय से रोक लगानी चाहिए। उन्होंने मांग की है कि महानगरपालिका के पार्कों में प्रवेश शुल्क लगाने के प्रस्ताव को तत्काल वापस लिया जाए।