Navi Mumbai, Crime, Maharashtra

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    पिंपरी: पारिवारिक माहौल, संगत और अपराध जगत के आकर्षण के कारण  बच्चे कम उम्र में अपराध की ओर रुख कर रहे हैं। वहीं बच्चों में झटपट पैसा कमाकर मौज मस्ती करने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। पिंपरी-चिंचवड (Pimpri-Chinchwad) में पिछले एक साल में 147 किशोर   अपराधी (Teenager Criminal) हत्या (Murder), हत्या के प्रयास (Attempt to Murder), बलात्कार (Rape), वाहन चोरी (Vehicle Theft), डकैती और चोरी जैसे 123 गंभीर अपराधों में शामिल पाए गए हैं। नाबालिगों की अपराध में संलिप्तता चिंता का विषय है। चिंता की बात यह है कि इनमें से कुछ किशोर अपराधी अब पुलिस रिकॉर्ड में हैं। कम उम्र में हाथ में कुल्हाड़ी, तलवार, पिस्टल, लाठी लिए इस चिलर गिरोह के आगे चलकर और एक बड़े गिरोह का रूप ले लेती और शहर का चेहरा बदलकर रख देती है।

    मैं इस क्षेत्र में एक भाई हूं, मुझसे डरो, मुझे हफ्ता दो, मैं फलाने भाई दाहिना हाथ हूँ। ऐसा कहकर ये किशोर उम्र के बच्चे इलाकों में दहशत पैदा करते हैं। जब कमाई का कोई जरिया नहीं फिर गले में सोने की मोटी-मोटी चेन, सवारी के लिए आलीशान दोपहिया वाहन, चौपहिया वाहन इन किशोरों के पास कहां से आते हैं, यह शोध का विषय है। घर में ज्यादातर लोगों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है, लेकिन लड़का रुबाब में कार दोपहिये पर आवारगी करते हुआ नजर आ रहा है, यह तस्वीर भविष्य के लिए अच्छी नहीं है। 

    अपना वर्चस्व बनाने किसी भी हद तक जाने को तैयार

    अपराध जगत में अपना वर्चस्व बनाने के लिए ये किशोर किसी भी हद तक चले जाते है। सांगवी में विधायक के भाई के कार्यालय पर पेट्रोल बम से हमले की एक वारदात चंद दिनों पहले सामने आई थीं। इसमें किसी के हताहत होने की सूचना नहीं थी। इसके बाद आरोपित दोपहिया वाहन पर सवार होकर फरार हो गया। पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने बताया, शहर में हमारा नाम होना चाहिए, इसलिए हमने यह अपराध किया है।

    लड़कियां भी आपराधिक गतिविधियों में शामिल 

    कई आपराधिक गिरोह, अंडरवर्ल्ड अपराधी, अपराधों में नाबालिगों का उपयोग करते हैं। अब यह सर्वविदित है कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कड़ी सजा नहीं दी जा रही है, और ऐसे आरोपी का फायदा उठाने की कोशिश की जा रही है। शुरू में जेब  खर्च और मौज मस्ती के लिए ये बच्चे चोरी, सेंधमारी, डकैती और यहां तक की उत्पीड़न का सहारा लेने से भी नहीं हिचकिचाते। शिक्षा, सामाजिक वातावरण, व्यसन, सोशल मीडिया, मोबाइल का अत्यधिक उपयोग, फिल्मों और टीवी सीरियलों में अपराध के बढ़ने जैसे कई कारक किशोर अपराध के लिए अनुकूल हैं, जिससे किशोर अपराध में वृद्धि हुई है। वाहन चोरी और सेंधमारी में दो नाबालिग लड़कियां भी शामिल पायी गई हैं। इसलिए न केवल कानून का पालन करने वाले लड़के ही इस तरह के वारदातें करते हैं, बल्कि कानून का पालन करने वाली लड़कियां भी आपराधिक गतिविधियों में शामिल होती हैं, यह स्पष्ट होता है। जनवरी और दिसंबर 2021 के बीच हुई 85 हत्याओं में से आठ हत्याओं में 11 किशोर अपराधी शामिल थे। चोरी की वारदातों में किशोर अपराध अधिक प्रचलित है।