Water Crisis, Water Supply
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    पिंपरी: पानी आपूर्ति (Water supply) संबन्धी बढ़ती शिकायतों को देखते हुए पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) प्रशासन ने अब अवैध नल कनेक्शन (Illegal Tap Connection) को नियमित करने के लिए विशेष अभियान चलाया है। इसके लिए नई नीतियां भी तय की गई हैं। इसके अनुसार अवैध कनेक्शन नियमित करने के लिए सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए डिपॉजिट और दंड के रूप में केवल 5 हजार रुपए का भुगतान करना होगा।  इसके साथ ही ग्राहकों बकाया पानी बिल पर प्रति माह लगाए जाने वाले अतिरिक्त शुल्क माफ किया गया है। हालांकि ग्राहक इस छूट योजना का लाभ 15 जून तक उठा सकेंगे। इसके बाद मात्र संबंधितों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।

    शहर में अवैध नल कनेक्शन का एक उच्च दर है। गलत तरीके से नलसाजी करने से पानी का रिसाव होता है। साथ ही दूषित पानी की आपूर्ति भी हो रही है। इससे पानी की आपूर्ति बाधित हो जाती है। इसके लिए महानगरपालिका समय-समय पर अवैध नल कनेक्शन का सर्वे कराती रही है। अब उन्हें नियमित करने के लिए रियायतों की घोषणा की। हालांकि, नागरिकों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। 

    शहर में जलापूर्ति व्यवस्था चरमरा गई

    पिछले कुछ दिनों से शहर में जलापूर्ति व्यवस्था चरमरा गई है। अवैध कनेक्शन धारकों की वजह से नियमित रूप से पानी के बिलों का भुगतान करनेवाले ग्राहकों को दिक्कत हो रही है। महानगरपालिका अवैध कनेक्शन को नियमित करने के लिए जमा जुर्माना, बकाया पानी के बिल आदि वसूल करता है।

    आवेदन करने पर देना होगा इतना शुल्क

    30 जून, 2018 के बाद नियमितीकरण के लिए आवेदन करने पर पाइप के आकार के आधार पर 200 रुपए से 2220 रुपए प्रति माह का अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा। 15 मिमी व्यास के पाइप के लिए 2,000 रुपए जमा, 3,000 रुपए का जुर्माना और 4,300 रुपये का बकाया पानी का बिल वसूला जाता है। 20 मिमी व्यास के पाइप का शुल्क 15,150 रुपए है। 25 मिमी व्यास के पाइप के लिए 28,550 रुपए, 40 मिमी व्यास के पाइप के लिए 67,200 रुपए और 50 मिमी व्यास के पाइप के लिए 99,100 रुपए का शुल्क लिया जाता है। ये शुल्क अत्यधिक होने के कारण नागरिक नियमितीकरण से मुंह मोड़ रहे हैं। 

    महानगरपालिका ने की रियायतों की घोषणा

    महानगरपालिका में जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त होने के कारण अब प्रशासन प्रभारी है। इसलिए अब प्रशासन अवैध पाइपलाइन को नियमित करने की नीति लेकर आया है। जुर्माने के भुगतान में यदि कुछ रियायतें दी जाती हैं तो नल कनेक्शनों को नियमित करने के प्रोत्साहन मिलेगा साथ ही राजस्व में वृद्धि कर जलापूर्ति और वितरण व्यवस्था में सुधार किया जायेगा। इसके चलते प्रशासन ने अवैध नलसाजी को नियमित करने के लिए रियायतों की घोषणा की है।