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पुणे: पुणे महानगरपालिका (पीएमसी) की सीमा में प्रॉपर्टी टैक्स (Property Tax) में 40 फीसदी छूट के मुद्दे को लेकर राजनीति  गरमाई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पुणे महानगरपालिका (Pune Municipal Corporation) की सीमा के भीतर पुणेवासियों को प्रॉपर्टी टैक्स में दी जाने वाली 40 प्रतिशत की छूट जारी रखने की मांग की है। इसके लिए भारतीय जनता पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Deputy Chief Minister Devendra Fadnavis) से मुलाकात की। इसके अलावा रखरखाव व्यय की रक्कम 1 अप्रैल 2010 से 15 प्रतिशत से 10 प्रतिशत के बीच के अंतर को प्रॉपर्टियों से नहीं वसूल करने की मांग की है। इसके बाद महाविकास आघाडी के नेताओं ने इस मांग को लेकर विधानसभा की सीढ़ियों पर आंदोलन कर एक ज्ञापन सौंपकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का प्रयास किया।

इस संबंध में जानकारी देते हुए पूर्व महापौर मुरलीधर मोहोल ने बताया कि पुणेवासियों को निवासी प्रापर्टियों पर मिलने वाली 40 फीसदी प्रॉपर्टी टैक्स में छूट और रखरखाव और मरम्मत खर्च पर 15 प्रतिशत से 10 प्रतिशत की छूट 1 अप्रैल 2019 से बंद कर दी गई है। इस संबंध में पुणे महानगरपालिका की मुख्य बैठक 2019 और 2022 में फिर से निर्णय लिया गया। यह छूट बंद नहीं करने की मांग राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजकर की गई थी, लेकिन तत्कालीन महाविकास आघाड़ी सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया।

पुणेकरों को मिलेगी जल्द बड़ी राहत

 मोहोल ने यह भी कहा कि पुणे महानगरपालिका के मुख्यसभा के 2019 और 2022 निर्णय के आधार पर राज्य सरकार से मांगे की गई। इन दोनों मांगों को लेकर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि वे अगले सप्ताह बैठक करेंगे। इस बैठक में पुणेवासियों को बड़ी राहत मिलेगी। ऐसा विश्वास मोहोल ने जताया है। इस मौके पर पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल, विधायक माधुरी मिसाल, भीमराव तापकीर, सिद्धार्थ शिरोले आदि नेता उपस्थित थे।

विधायकों का आंदोलन महज नौटंकी: मोहोल

40 प्रतिशत प्रॉपर्टी टैक्स की छूट के मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद पुणे के महाविकास आघाड़ी के विधायक जाग उठे हैं। उन्होंने आनन-फानन में विधानमंडल की सीढ़ियों पर धरना देकर इसका विरोध किया। इस पर मुरलीधर मोहोल ने कहा है कि अपनी निष्क्रियता को ढंकने के लिए की जा रही नौंटकीं पुणेकर नहीं भूलेंगे।

महाविकास आघाड़ी ने किया विरोध प्रदर्शन

प्रॉपर्टी टैक्स में 40 फीसदी छूट बरकरार रखने के मुद्दे पर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और महाविकास आघाड़ी आमने-सामने आ गए हैं। इस मुद्दे को लेकर पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कुछ विधायकों के साथ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी। वहीं, महाविकास आघाड़ी की ओर से राज्य सरकार द्वारा प्रॉपर्टियों पर लगने वाले शास्तीकर को तुरंत रद्द करने और प्रापर्टी टैक्स में 40 प्रतिशत की छूट फिर से लागू करने का निर्णय लेन की मांग को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक चेतन तुपे और सुनील टिंगरे ने विधानसभा की सीढ़ियों पर विरोध जताया। इस संबंध में एक ज्ञापन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को सौंपा गया हैं।

 विधायक चेतन तुपे और MLA सुनील टिंगरे ने की ये मांग

पानशेत बाढ़ आपदा के बाद से शहर के निवासियों को अपनी आवासीय प्रॉपर्टियों पर टैक्स में 40 प्रतिशत की छूट दी गई थी, लेकिन पीएमसी ने 2018 से रियायती राशि की वसूली के लिए नागरिकों को मैसेज के माध्यम से नोटिस जारी करना शुरू कर दिया। छूट पहले से ही बंद कर दी गई है और तीन गुना पेनाल्टी लगाई जा रही है। जुर्माने की यह राशि बहुत ही अनुचित है। पिंपरी-चिंचवड शहर में शास्तीकर को राज्य सरकार ने रद्द करने का फैसला किया है। इसके अनुसार पुणे महानगरपालिका में भी प्रॉपर्टियों पर लगने वाला शास्तीकर रद्द किया जाए और प्रॉपर्टी टैक्स में 40 प्रतिशत की छूट फिर से लागू करनी चाहिए। यह मांग विधायक चेतन तुपे और सुनील टिंगरे ने की है।