Indrayani River

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    पुणे: इंद्रायणी नदी (Indrayani River) वारकरियों के लिए एक श्रद्धास्थल है। संत ज्ञानेश्वर महाराज माऊली की समाधि आलंदी में है। इस वजह से आलंदी (Alandi) आने वाले प्रत्येक वारकरी इस नदी की पूजा आरती करते है। ऐसे में वारकरियों के लिए इंद्रायणी नदी का काफी महत्व हैं, लेकिन इस इंद्रायणी नदी के पानी पर सफेद छाग (White Foam) आने से नदी की पवित्रता पर खतरा पैदा हो गया है। इतना ही नहीं इससे परिसर के नागरिकों और वारकरियों के स्वास्थ्य के खतरा पैदा हो गया हैं।

    इंद्रायणी नदी का उदगम लोनावला परिसर से हुआ है। यह नदी कई गांवों, शहरों को पार करते हुए आलंदी से आगे बहकर जाती है, लेकिन पिंपरी-चिंचवड के औद्योगिक सेक्टर के मैलायुक्त पानी इंद्रायणी नदी को प्रदूषित करते दिख रहे है। वारकरियों ने इसे लेकर कई बार प्रशासन को ज्ञापन सौंपा, लेकिन प्रशासन की तरफ से इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इस प्रदूषित पानी की वजह से इंद्रायणी नदी पर सफेद छाग बन गया है।

    नागरिकों की शिकायतों का असर नहीं

    इंद्रायणी नदी पहले से ही जलकुंभियों से घिरी है। इस पर अचानक से सफेद छाग आ जाने से नागरिकों के लिए परेशानी बढ़ गई है। औद्योगिक सेक्टर और रासायन युक्त पानी छोड़ने को लेकर स्थानीय नागरिकों ने कई बार ज्ञापन सौंपा हैं, लेकिन इसका कोई फायदा होता नजर नहीं आ रहा है। इस वजह से इंद्रायणी नदी में अधिक प्रदूषण हो गया है। प्रदूषण की वजह से इंद्रायणी नदी किनारे रहने वाले नागरिकों को मच्छर, कीट की परेशानी झेलनी पड़ रही है।

    नदी को प्रदूषण मुक्त करने की मांग

    हर वर्ष आषाढी और कार्तिकी में इंद्रायणी नदी किनारे वैष्णव का मेला लगता है। इसमें राज्यभर से वारकरी आलंदी में ज्ञानेश्वर माऊली के दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन इंद्रायणी का यह रुख देखकर उन्हें काफी दुख हो रहा हैं। वारकरियों ने प्रशासन से इंद्रायणी को प्रदूषण मुक्त करने और वारकरियों को स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक पानी देने की मांग की है।