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    पिंपरी : छठ पर्व (Chhath Festival) करीब है, इसके चलते पिंपरी-चिंचवड़ (Pimpri-Chinchwad) में नदी घाटों की स्वच्छता की मांग जोर पकड़ रही है। हालांकि पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका प्रशासन (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation Administration) की उदासीनता कायम है। मोशी इंद्रायणी नदी घाट में महानगरपालिका के स्वास्थ्य विभाग की ओर से साफ सफाई, नदी से कीचड़, मलबा निकालने का काम शुरु किया गया है। हालांकि नदी का कचरा निकालकर नदी घाट पर ही रखा गया। उसे समय पर ट्रकों में भरकर नहीं ले जाया गया, जिसका दुष्परिणाम यह हुआ कि निकाला हुआ कचरा वापस नदी में फैल गया। 

    इसके अलावा नदी का कचरा जेसीबी (JCB) से निकालते समय लापरवाही हुई। सीढ़ियों के समीप नदी घाट पर 4 फुट गहरा खड़ा बना दिया गया है, घाट उबड़-खाबड़ की दयनीय स्थिति में है। इससे महिलाओं की परेशानी और बढ़ गई है। पूजा करते समय नदी के पानी में जाकर सूर्यदेवता की उपासना और सूर्य जल अर्ध्य देने की परंपरा है। ऐसे समय में छठ व्रती महिलाओं के साथ दुर्घटना होने का डर विश्व श्रीराम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालबाबु गुप्ता (National President of Shri Ram Sena, Lalbabu Gupta) ने जताया है।

    महानगरपालिका कमिश्नर राजेश पाटिल को किया ट्वीट

    लालबाबु गुप्ता ने महानगरपालिका कमिश्नर राजेश पाटिल को ट्वीट के जरिए मोशी इंद्रायणी नदी घाट की समस्याओं के बारे में ध्यानाकर्षित किया है। उन्होंने बताया कि उत्तर भारतीयों का सबसे बड़ा धार्मिक छठ पूजा त्योहार 10 और 11 नवंबर के दिन है। 10 नवंबर के दिन मोशी इंद्रायणी नदी घाट पर गंगा महाआरती का आयोजन किया गया है। छठ पूजा नदी घाट पर प्रकृति के सानिध्य में मनाया जाता है। महिलाएं नदी जल में खडे होकर ही सूर्य अर्ध्य जल देती है। इसमें स्वच्छता, साफ सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है। महापूजा में कोई प्रदुषण नहीं होता, नहीं कोई अप्रकृतिक पदार्थ का प्रयोग होता है। इस पूजा में स्वच्छता का अधिक महत्व होता है।

    नदी से निकाला कचरा फिर से मिल गया

    स्वास्थ्य विभाग ने नदी घाट से कचरा, निर्माल्य निकालने का प्रयास किया। इस प्रयास की हम प्रशंसा करते है। मगर निकाला गया कचरा, कीचड़ नदी तट पर रखने से वापस नदी में मिश्रित हो गया है। स्वच्छ नदी वापस मैली हो गई। कचरा निकालते समय जेसीबी की मदद ली गई, जिससे 4 फुट सीढ़ियों के समीप खड्डा हो गया है। पूजा करते समय छठव्रती महिलाएं इस खड्डे में गिर सकती है। कोई भी दुर्घटना हो सकती है। माता-पिता के साथ छोटे बच्चे भी आते हैं, नदी के नवनिर्मित खड्डों में गिरने का धोखा बना हुआ है। नदी की वर्तमान परिस्थति जस की तस है। गुप्ता ने कमिश्नर से अपील की है कि इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दें कि नदी की स्वच्छता कामचलाऊ वाली नहीं, बल्कि ठीक ढंग से हो, ताकि छठ व्रती महिलाएं साफ सुधरे नदी के जल में पूजा कर सकें।