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पिंपरी: पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका (PCMC) के सामाजिक विकास विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण मेधावी छात्रों (Students) को दो बार पुरस्कार राशि (Prize Money) मिली है। इससे महानगरपालिका को 25 लाख का आर्थिक नुकसान (Loss) हुआ है। यह ध्यान में आने के बाद राशि की वसूली के लिए छात्रों से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि, कुछ छात्रों की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। नतीजतन, उस राशि की वसूली के लिए सामाजिक विकास विभाग को ड्यूटी पर लगा दिया गया हैं।

पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका के सामाजिक विकास विभाग की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से छात्रों, महिलाओं और नागरिकों को वित्तीय लाभ दिया जाता है। 10वीं और 12वीं के मेधावी छात्रों के लिए प्रोत्साहन पुरस्कार योजना है। 10वीं और 12वीं में 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले छात्रों को 15 हजार रुपए दिए जाते हैं। 80 से 90 प्रतिशत अंक लाने वाले छात्रों को दस हजार रुपए दिए जाते हैं। इसके लिए विभाग की ओर से पात्र हितग्राहियों से 10वीं, 12वीं की अंकतालिका, आधार कार्ड, नगर निवास प्रमाण पत्र, बैंक खाता और पासबुक की जेरॉक्स कॉपी प्राप्त की जाती है।

10 हजार रुपए की जगह 20 हजार रुपए भेजे 

2022-23 में मेधावी छात्रों के साथ ऐसा हुआ है। विभाग मार्च में विद्यार्थियों को आर्थिक लाभ देना शुरू करता है। इसके लिए विभाग ने चरणबद्ध तरीके से बैंक ऑफ बड़ौदा की पिंपरी शाखा में मेधावी छात्रों की सूची दी है। तदनुसार, राशि छात्र के बैंक खाते में जमा की गई थी। हालांकि 250 छात्रों के बैंक खातों में 10 हजार रुपए की जगह 20 हजार रुपए भेज दिये गये हैं। वह कुल राशि करीब 25 लाख है।  बैंक खाते में 20 हजार रुपए जमा देख छात्र और अभिभावक खुश हुए। इस साल इनामी राशि बढ़ा दी गई है यह सोचकर वे खुश हुए। इसकी भनक लगते ही समाज विकास विभाग में हड़कंप मच गया।

लिपिक और कर्मचारियों के वेतन से वसूल की जाएगी राशि

पैसा वापस पाने के लिए सामाजिक विकास विभाग के लिपिक और कर्मचारियों ने संबंधित छात्रों के मोबाइल फोन पर मैसेज भेजकर अतिरिक्त राशि वापस करने की गुजारिश की। कुछ छात्रों को बुलाया गया और राशि वापस करने के लिए कहा गया। कुछ छात्रों ने इसका जवाब दिया है। कुछ छात्र जवाब नहीं दे रहे हैं। इससे संबंधित लिपिकों के लिए परेशानी खड़ी हो गई है। यह तब हुआ जब क्लर्क ने दो बार छात्रों की सूची बैंक में जमा करा दी। सभी 250 छात्र-छात्राओं को महानगरपालिका में दस-दस हजार की राशि पुन: जमा करनी होगी। हालांकि ऐसा नहीं होने पर महानगरपालिका को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। यह राशि संबंधित लिपिक और कर्मचारियों के वेतन से वसूल की जाएगी।

प्रथम चरण में दिसंबर माह में 250 मेधावी छात्रों के खातों में राशि जमा करायी गयी। फिर मार्च में 600 छात्रों के खातों में पैसा जमा करते हुए लाभ पाने वाले 250 छात्रों की सूची भी बैंक को दी गई। इसलिए खाते में दो बार पैसे गए। अब तक 107 छात्रों के पैसे वापस मिल चुके हैं। इस संबंध में इस योजना के लिपिक और कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

-अजय चारठणकर, उपायुक्त समाज विकास विभाग, पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका