पिंपरी : करीबन 550 करोड़ रुपए के फर्जी कर्ज घोटाले (Fake Loan Scam) से आर्थिक संकटों में घिरे पिंपरी-चिंचवड़ (Pimpri-Chinchwad) के सेवा विकास को. ऑप. बैंक (Seva Vikas Co-Op Bank) के जमाकर्ताओं की दिक्कतें बढ़ गई हैं। चर्चा थी कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। हालांकि आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि बैंक का लाइसेंस फिलहाल रद्द नहीं किया गया है, लेकिन अगले छह महीनों आरबीआई के निर्देश के अनुसार बैंक का कामकाज जारी रहेगा। आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए अगला निर्णय लिया जाएगा। इस संदर्भ में सोमवार को दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसकी नोटिस बैंक के बाहर चस्पा दी गई है।
आरबीआई द्वारा जारी आदेश के अनुसार, द सेवा विकास बैंक आरबीआई की अनुमति के बिना बैंक किसी भी कर्ज का नवीनीकरण नहीं कर सकेगा और ना ही कोई निवेश कर सकेगा। कर्ज लेने के साथ-साथ अन्य कोई भी दायित्व अथवा नई जमाराशियों को बैंक स्वीकार नहीं कर सकेगा। बैंक अपनी किसी भी प्रॉपर्टी और संपत्ति का समझौता, व्यवस्था, बिक्री, हस्तांतरण अथवा निपटारा नहीं कर सकेगा। इसके साथ ही बैंक के करंट, सेविंग अथवा अन्य कोई भी खातेदार अपने खाते से एक हजार रुपये से अधिक रकम नहीं निकाल सकेगा। इस बारे में विस्तृत सूचना पत्र बैंक को अपने प्रांगण में लगाने के लिए आरबीआई ने बैंक से कहा है। आरबीआई के ये आदेश 12 अक्टूबर से लागू होंगे जो आगामी छह महीनों के लिए लागू रहेंगे। इस दौरान आरबीआई द्वारा लागू निर्देशों का पालन करना होगा।
बैंक का दिवाला निकलने से व्यापारियों की कमर टूटी
सेवा विकास बैंक का दिवाला निकलने से जमाकर्ताओं और खासकर पिंपरी बाजार के व्यापारियों की कमर टूट गई है। इस बारे में पूछे जाने पर पिंपरी मर्चेंट एसोशिएशन के अध्यक्ष श्रीचंद आसवानी ने कहा कि देश में कोरोना संकट के कारण व्यापारी समुदाय पहले ही आफत में है। व्यापारियों के बैंक के तौर पर सेवा विकास बैंक की पहचान थी। पिंपरी कैम्प इलाके के कई व्यापारियों को इस बैंक ने सही समय पर मदद की जिससे वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें, लेकिन अब इसी बैंक की आर्थिक स्थित चरमरा जाने से व्यापारी आर्थिक संकट में फंस गए हैं। जल्द ही बैंक के 50 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। इस दौरान यह नया नियम आया है। इसका काफी नुकसान व्यापारियों को होगा।
सेवा विकास बैंक की पुणे जिले में 25 शाखाएं
सेवा विकास बैंक की पुणे जिले में 25 शाखाएं हैं। इन शाखाओं में 250 कर्मचारी कार्यरत हैं। बैंक के निदेशक मंडल और प्रशासन के खिलाफ विभिन्न पुलिस स्टेशनों में मामले दर्ज हुए और हो रहे हैं। अब नए निर्बन्ध से बैंक के कर्मचारियों की आंखों के सामने अंधेरा छा गया है।