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पुणे: मानसून (Monsoon ) शुरू होने से पहले पुणे महानगरपालिका कमिश्नर ने ड्रेनेज विभाग और क्षेत्रीय कार्यालयों को 31 मई से पहले नाला सफाई (Drain Cleaning) के काम पूरे करने का आदेश दिया है, लेकिन मई का आधा महीना बीत जाने के बाद भी शहर में नाला सफाई के सिर्फ 46 प्रतिशत काम हुए हैं। शहर के मध्य इलाकों में काम धीमी गति से करने को लेकर पुणे महानगरपालिका कमिश्नर विक्रम कुमार ( Pune Municipal Commissioner Vikarm Kumar) ने अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाई है। कमिश्नर द्वारा किए गए निरीक्षण में नालों की सफा सफाई अधूरी होने और नालों में भारी मात्रा में कचरा पाया गया है।

मई महीने के शुरुआत में ही जायजा बैठक में कमिश्नर विक्रम कुमार ने प्रशासन को 31 मई से पहले नाला सफाई के काम पूरे करने के निर्देश दिए थे। उस समय दो महीनों में 26 प्रतिशत काम हुए थे। अब आखिरी 14-15 दिनों में क्या शेष काम पूरा किया जाएगा? यह सवाल उठाया जा रहा है, लेकिन प्रत्यक्ष स्थिति को जानने के लिए पीएमसी कमिश्नर ने मंगलवार पेठ स्थित जन्म-मृत्यू प्रमाण पत्र कार्यालय से नाला सफाई काम का निरीक्षण शुरू किया।

नालों में बड़े पैमाने पर मलबा

वहां से वैकुंठ श्मशानभूमि, फरशी पुल, गजानन महाराज मंदिर, अरणेश्वर मंदिर, के.के. मार्केट, लेक टाउन, दोनों कात्रज तालाब, येवलेवाडी, भैरोबा नाला, कोंढवा श्मशानभूमि, आईमाता मंदिर बिबवेवाडी, मुकुंदनगर नाला, टिंबर मार्केट, लिंगायत श्मशानभूमि भवानी पेठ, घसेटी पुल, अल्पना टॉकीज आदि इलाकों में पीएमसी कमिश्नर ने निरीक्षण किया। कई जगहों पर नालों में बड़े पैमाने पर मलबा दिखाई दिया। कई नालों में दो में से एक लाला पूरी तरह से बंद दिखाई दिया। भीड़भाड वाले रिहायशी इलाके और नाले की जगह छोटी होने की बात अधिकारियों ने बताई, लेकिन यह काम पूरा करने में समय लग सकता है, यह जानते हुए भी काम पहले शुरू क्यों नहीं किया गया, इसको लेकर कमिश्नर ने नाराजगी व्यक्त की।