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    पुणे : लंबित मुकदमों (Pending Cases) में आपसी समझौते और ताल-मेल से निपटान करने के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत (National Lok Adalat) महत्वपूर्ण होगी, यह राय प्रमुख जिला और सत्र न्यायाधीश एवं विधि सेवा प्राधिकरण, पुणे के अध्यक्ष संजय देशमुख (Sanjay Deshmukh) ने जताई है। जिला और सत्र अदालत में शनिवार को राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण और महाराष्ट्र राज्य विधि सेवा प्राधिकरण (Maharashtra State Legal Services Authority) के निर्देश पर आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत का उदघाटन उनके हाथों किया गया।

    उन्होंने कहा कि, लोक अदालत के माध्यम से अधिक से अधिक लंबित मामलों का निपटारा किया जाता है। इससे पहले लोक अदालत के माध्यम से मामलों का निपटारा करने में पुणे जिला अव्वल है। उन्होंने कहा कि, मतभेद भले ही हो पर मनभेद नहीं होना चाहिए। इससे समझदारी से विवाद सुलझाने के लिए लोक अदालत महत्वपूर्ण साबित होती है। न्यायाधीश ने कहा कि, जिले में लोक अदालत के माध्यम से अधिक से अधिक मामले निपटाए जाएंगे। इस लोक अदालत में जिला न्यायाधीश एस.एस. गोसावी, जिला न्यायाधीश के.पी. नांदेडकर, विधि सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं दिवानी अदालत के न्यायाधीश वरिष्ठ स्तर के प्रताप सावंत, जिला सरकारी वकील एन.डी. पाटिल, पुणे वकील बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष योगेश तुपे उपस्थित थे।

    जिला न्यायाधीश के.पी. नांदेडकर ने कहा कि, लोक अदालत के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा मामले कैसे निपटाए जा सके और न्याय दिया जा सके, इसके लिए प्रयास होना चाहिए। लोक अदालत में पुणे जिला राज्य में अव्वल स्थान पर है। देश में भी अव्वल रहे इसके लिए सभी का प्रयास जरूरी है। इस लोक अदालत में पुणे में 53 हजार से भी अधिक लंबित मामले समझदारी से सुलझाने के लिए रखे गए हैं। राष्ट्रीय अदालत के लिए 8 लाख गाड़ियों के मालिकों को ई-चालान के नोटिस भेजे गए हैं। उन पर 25 लाख रुपए का अनपेड चालान है। इसके अलावा ग्राम पंचायत, बैंक, पुणे मनपा, पिंपरी चिंचवड़ मनपा के विवाद से पहले टैक्स वसुली के एक लाख से भी अधिक मामले रखे जाने की जानकारी विधि प्राधिकरण के सचिव सावंत ने दी।