पुणे : पुणे पुलिस (Pune Police) ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (Teacher Eligibility Test) (टीईटी) कदाचार मामले में अयोग्य ठहराए गए लोगों में से कितने लोग पैसे देकर उत्तीर्ण (Passed) हुए और उसके आधार पर नौकरी (Job) पाकर अपना काम कर रहे हैं, इसकी जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। शिक्षा विभाग (Education Department) से पत्राचार कर उनकी जानकारी मांगी गई है। पुलिस जांच में 7,900 पात्र व्यक्ति अपात्र पाए गए हैं। अब 2018 में अपात्र रहते हुए भी पात्र हुए लोगों की जानकारी निकाली जा रही है।
गौरतलब है कि, पुणे पुलिस की साइबर ब्रांच ने टीईटी परीक्षा में कदाचार का खुलासा करते हुए आईएएस अधिकारी सुशील खोडवेकर, राज्य शिक्षा परिषद के अध्यक्ष तुकाराम सुपे, शिक्षा विभाग के सलाहकार अभिषेक सावरिकर, जी.ए. सॉफ्टवेयर के निदेशक डॉ. प्रीतिश देशमुख, पूर्व निदेशक अश्विन कुमार और अन्य एजेंटों को गिरफ्तार किया गया है। उनसे गहन जांच की जा रही है। पुलिस ने खुलासा किया है कि 2019-20 टीईटी परीक्षा के लिए अर्हता प्राप्त नहीं करने वाले 7,900 उम्मीदवार पैसे लेकर उत्तीर्ण हुए।
रिपोर्ट जल्द आने की उम्मीद
पुलिस ने पैसे देकर टीईटी परीक्षा पास करने वालों की सूची भी तैयार कर ली है। हालांकि, अब पुणे पुलिस ने अयोग्य उम्मीदवारों की संख्या के बारे में जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। उसकी रिपोर्ट जल्द आने की उम्मीद है। शिक्षा विभाग को 7,900 लोगों की सूची देने के बाद शिक्षा विभाग इस सूची में उनकी संख्या की जानकारी जुटा रहा है, जोकि अपात्र रहते हुए पात्र हुए और उसके आधार पर नौकरी कर रहे है। यह काम अपने अंतिम चरण में है। यह जानकारी जल्द ही उपलब्ध होगी, ऐसा पुलिस ने बताया।
उत्तीर्ण होने के बाद भी दिए पैसे
पुणे पुलिस द्वारा टीईटी परीक्षा में कदाचार के मामले में योग्य और अपात्र व्यक्तियों की जांच की जा रही है। जांच में यह भी पता चला है कि भले ही 21 छात्र अच्छे अंकों के साथ उत्तीर्ण हुए, फिर भी उन्होंने पैसों का भुगतान किया। कहा जा रहा है कि उन्होंने भुगतान इसलिए किया क्योंकि उनके पास पास होने का विश्वास नहीं था। अब इनकी भी जांच की जाएगी। हालांकि कहा जा रहा है कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।