TERRORIST
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    पिंपरी: एक महीने पहले पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस (Pimpri-Chinchwad Police) आयुक्तालय में हुई एक सुरक्षा समीक्षा बैठक में इस क्षेत्र में रेडिक्लायजेशन यानी कट्टरपंथ में वृद्धि पर खासी चर्चा हुई थी। उसके कुछ ही दिन बाद पुणे एटीएस ( Pune ATS) ने शहर के दापोडी इलाके में कार्रवाई करते हुए एक संदिग्ध आतंकी (Suspected Terrorist) को गिरफ्तार (Arrested) कर लिया है। एटीएस ने यह कार्रवाई तब की जब यह पता चला कि गिरफ्तार युवक के बैंक खाते में जम्मू-कश्मीर में एक आतंकवादी संगठन के बैंक खाते से पैसा ट्रांसफर किया था।

    आतंकी कनेक्शन में पिंपरी-चिंचवड का नाम आने का यह पहला अवसर नहीं है। एटीएस और दिल्ली स्पेशल सेल ने इससे पहले पिंपरी-चिंचवड से कुछ लोगों को आतंकवाद और नक्सलवाद या सीधे तौर पर शामिल होने के संदेह में गिरफ्तार किया था। इसके बावजूद स्थानीय पुलिस राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीर नजर नहीं आती। 

    एंटी टेररिज्म सेल का काम शुरु नहीं हुआ

    पिंपरी-चवड में स्वतंत्र पुलिस आयुक्तालय के गठन के चार साल बाद भी “एटीसी” (एंटी टेररिज्म सेल) का काम शुरू नहीं हुआ है, वहीं पुणे में “पीएटीसी” का काम ठंडा हो गया है। अतीत में, कई अपराध शाखा के अधिकारियों द्वारा बुलाए जाने को लेकर लोगों की नींद उड़ जाती थी। हालांकि अब क्राइम ब्रांच के ऑफिसर्स को घर से ऑफिस का सफर खुद करने के लिए गूगल मैप्स की जरूरत महसूस होती है।

    जांच एजेंसिंयां कर सकती है और कार्रवाई

    स्थानीय पुलिस और वरिष्ठ अधिकारी इस मुद्दे के बारे में गंभीर होना लाजिमी था क्योंकि सुरक्षा समीक्षा बैठक में पिंपरी-चिंचवड़ क्षेत्र में कट्टरता बढ़ने पर चर्चा हुई थी और एक महीने पहले आवश्यक कार्रवाई शुरू की गई थी। इसकी जानकारी राज्य और केंद्र सरकार को दे दी गई है। इसलिए शहर में जांच एजेंसियों की अन्य कार्रवाईयां निकट भविष्य में देखी जा सकती हैं। पिंपरी-चिंचवड के वर्तमान पुलिस कमिश्नर अंकुश शिंदे ने पदभार ग्रहण करने के बाद से कई कर्मचारियों का तबादला किया है।  स्पेशल ब्रांच स्टाफ को भी बदल दिया गया है। इसलिए उम्मीद है कि कमिश्नर  निकट भविष्य में अपराध शाखा को गति प्रदान करेंगे। वहीं कर्मचारियों के प्रति जागरूक कर्मचारियों को मुख्यधारा में लाकर शहर को शांत रखने की योजना पर काम चल रहा है। 

    पुणे एटीएस को अलग अधिकारी मिला 

    पुणे में आतंकवादी गतिविधियों को देखते हुए राज्य एटीएस (राज्य आतंकवाद विरोधी दस्ते) की तर्ज पर जिले के लिए अलग विंग शुरू किया गया था। बाद में विंग का नाम बदलकर पुणे में एटीसी (आतंकवाद विरोधी सेल) और पीएटीसी कर दिया गया क्योंकि इसे स्थानीय पुलिस के अधिकार क्षेत्र में पुनर्गठित किया गया था। नाम बदलने के बाद एटीसी पूरे राज्य में क्राइम ब्रांच के तहत काम कर रही है। हालांकि कुछ अधिकारियों का कहना है कि चार साल पहले पुणे आए उच्च पदस्थ अधिकारियों ने आपराधिक पीएटीसी को “विशेष शाखा” से जोड़ दिया और उसके काम को ठंडा कर दिया। जंगली महाराज रोड चेन बम ब्लास्ट, हैदराबाद बम ब्लास्ट, गुजरात बम ब्लास्ट, मुंबई चेन ब्लास्ट के आरोपी प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से पुणे व पिंपरी-चिंचवड के पहले उजागर हुए रिश्ते को भुलाया नहीं जा सकेगा। कई दिनों के इंतजार के बाद पुणे एटीएस को अलग अधिकारी मिला हैं। इसलिए एटीसी को इस तरह से काम करने की जरूरत है जिससे एटीएस को मदद मिले।