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– पुणे ग्रामीण एलसीबी की बड़ी कार्रवाई

शिरूर. कई बार अपराधियों को पकड़ने का जो सीन हम फिल्मों में देखते है, वैसा ही सीन हमें हकीकत में भी देखने को मिल जाता है. यह सीन देखते हुए पूरा विश्वास हो जाता है कि हमारी पुलिस कितनी मुस्तैद है और अपराधियों को पकड़ने के लिए उनका जुनून कितना वास्तविक है. हाल ही में ग्रामीण पुलिस की एक पूरी टीम ने सरगर्मी में पीछा कर लुटेरों की एक टोली को सलाखों को पीछे पहुंचा दिया. 

ट्रक का पीछा कर 7 को पकड़ा

पुणे रूरल एलसीबी द्वारा की गई इस कार्रवाई में हाई-वे पर डकैती डालकर लूटमार करने वाले 7 सदस्यीय अंतर्राज्यीय गिरोह को गिरफ्तार किया गया. पुणे ग्रामीण पुलिस की लोकल क्राइम ब्रांच ने आरोपियों के पास से 4 करोड़ 51 लाख 58 हजार 400 रुपयों की सिगरेट व दो कंटेनरों सहित कुल 4 करोड़ 91 लाख 79 हजार 500 रुपयों का माल बरामद किया. साढ़े 4 करोड़ रुपयों से अधिक के माल की डकैती के बाद हवा से बातें करते हुए अहमदनगर की दिशा में जा रहे हाइजैक्ड ट्रक को रोकने के लिए पुलिस ने वॉकीटॉकी पर संदेश प्रसारित किया. इसके साथ ही शिरूर स्थित सतरा कमान पुल के पास घेराबंदी कर पुलिस की टीम पोजिशन लेकर खड़ी हो गई. नाकाबंदी के कारण हुए ट्रैफिक जाम के चलते डकैतों ने भागने की कोशिश की, लेकिन पुणे ग्रामीण एलसीबी के तेजतर्रार पुलिसकर्मियों ने उन्हें पीछा करके दबोच लिया. जांबाज पुलिस की इस बड़ी सफलता की हर तरफ सराहना हो रही है.

कई राज्यों की पुलिस को इस गैंग की तलाश थी

 विभिन्न राज्यों की कानून-व्यवस्था के लिए यह गिरोह नासूर बन चुका था. कई राज्यों की पुलिस को इस गैंग की तलाश थी, लेकिन रूरल एलसीबी ने दिखा दिया कि उसके हाथ लंबे हैं. पुलिस ने बताया कि दिनेश वासुदेव झाला (50), सुशील राजेंद्र झाला, मनोज केशरसिंह गुडेन, मनोज उर्फ गंजा राजाराम सिसोदिया, ओमप्रकाश कृष्ण झाला, कल्याण सैदुल चौहान व सतीश आंतरसिंह झांजा गिरफ्तार आरोपियों के नाम हैं.पुलिस के अनुसार यवत क्षेत्र में एक कंटेनर हाइजैक कर दवाएं लूटकर ले जाने की वारदात हुई थी. इस संबंध में यवत पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ था. इस मामले की जांच यवत पुलिस के साथ स्थानीय अपराध शाखा भी कर रही थी.

बिना नंबर प्लेट के ट्रक देखकर हुआ संदेह

इस वारदात की तफ्तीश के बीच एलसीबी को चौफुला से शिरूर की ओर जा रहा बिना नंबर प्लेट का एक ट्रक नजर आया और उसमें संदिग्ध आरोपी दिखाई दिये. इसके बाद पुलिस ने उनका पीछा करना शुरू किया. इसी के साथ ट्रक ड्राइवर ने रफ्तार बढ़ा दी और ट्रक को अहमदनगर की दिशा में मोड़ दिया. इसी बीच पुलिस को एक और संदिग्ध ट्रक की जानकारी मिली. पुलिस ने दोनों ट्रकों का पीछा शुरू किया. इसी के साथ शिरूर के पुलिसकर्मियों की वॉकी-टॉकी गूंज उठी. पीछा कर रही पुलिस ने शिरूर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर प्रवीण खानापुरे, सहायक पुलिस निरीक्षक काबुगड़े, पुलिसकर्मी जीतेंद्र मांगड़े, सुदाम खोड़दे व कल्पेश राखुंडे की टीम को शिरूर स्थित सतराकमान पुल के परिसर में नाकाबंदी कर ट्रैफिक जाम करने की सूचना दी. शिरूर पुलिस ने संबंधित स्थान के चौराहे पर ट्रैफिक जाम करने के साथ ही घेराबंदी कर दी और प्लान के मुताबिक आरोपियों का ट्रक ट्रैफिक में फंस गया. ट्रैफिक में फंसे एक ट्रक से एक आरोपी छलांग लगाकर रात के अंधेरे में ओझल हो गया तथा दूसरे ट्रक में सवार आरोपी ने सड़क की रेलिंग तोड़कर भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की तेज कार्रवाई से वह नाकाम हो गया. दूसरी ट्रक से कूदा एक संदिग्ध आरोपी वहीं पर गन्ने के खेत में जाकर छिप गया.

 4 करोड़ 91 लाख 79 हजार 500 रुपयों का माल जब्त 

पुलिसकर्मियों ने दोनों ट्रकों को कब्जे में ले लिया और आरोपियों के अंधेरे का फायदा उठाकर भागने की आशंका से रातभर हर ओर नजर रखी. इसके साथ ही गन्ने के खेत के अंदर रातभर पहरा दिया. सुबह के समय गन्ने के खेत में तलाशी अभियान तेज कर आरोपियों को पकड़ लिया. पुलिस ने आरोपियों के पास से 4 करोड़ 51 लाख 58 हजार 400 रुपयों की सिगरेट, 13,600 रुपये नकद, 6 मोबाइल फोन, 2 ट्रक, एक नकली रिवॉल्वर, फर्जी नंबर प्लेट, एक चॉपर तथा चाकू सहित 4 करोड़ 91 लाख 79 हजार 500 रुपयों का माल जब्त किया.

सिगरेट से लदा कंटेनर चुराया

पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने सिगरेट से भरे कंटेनर को सुपा-मोरगांव रूट पर हाइजैक कर उसके ड्राइवर को हथियार से धमकाया. इसके बाद टेम्भुर्णी तक पहंचने के बाद उसे वहीं छोड़ दिया. इस संबंध में एक ड्राइवर ने वड़गांव निंबालकर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया था. इन आरोपियों के पकड़े जाने से मामला उजागर हुआ.

विभिन्न राज्यों में डकैती

पकड़े गए आरोपी अंतर्राज्यीय गिरोह के शातिर अपराधी हैं. उनके पकड़े जाने के साथ यह स्पष्ट हो गया कि इससे पहले भी उन्होंने पुणे ग्रामीण के शिक्रापुर व यवत परिसर में इसी तरह की आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया. इन आरोपियों ने महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में अपराध किए हैं. पुलिस ने अनुमान जताया कि उनके जरिए और भी अपराध उजागर हो सकते हैं. पुलिस अधीक्षक संदीप पाटिल व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मिलिंद मोहिते के मार्गदर्शन में पुलिस निरीक्षक पद्माकर घणावत, पुलिस निरीक्षक दत्तात्रय गुंड, उप-निरीक्षक अमोल गोरे, सहायक फौजदार दत्तात्रय गिरिमकर, दयानंद लिमण, पुलिसकर्मी राजू मोमीन, जनार्दन शेलके, महेश गायकवाड़, उमाकांत कुंजीर, मुकुंद अयाचित, मोरेश्वर इनामदार, राजेंद्र पुणेकर, अनिल काले, रविराज कोकरे, विजय कांचन, गुरु गायकवाड़, सुभाष राउत, गुरु जाधव, रौफ इनामदार, धीरज जाधव, प्रमोद नवले, सावंत व अक्षय जावले की टीम ने यह कार्रवाई की.