pimpri shiv sena

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    पिंपरी: बगावत की बयार में पिंपरी-चिंचवड के समावेश वाले मावल लोकसभा चुनाव क्षेत्र से शिवसेना के सांसद भी बागी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे में शामिल हो गए हैं। उनकी इस भूमिका से शिवसैनिकों में आक्रोश व्याप्त हो गया है। आकुर्डी स्थित शिवसेना भवन में एक बैठक संपन्न हुई जिसमें कट्टर शिवसैनिकों ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ ही रहने का संकल्प किया। इस बैठक में सांसद श्रीरंग बारणे के समर्थक नेताओं का समावेश रहने से अचरज जताया जा रहा है।

    कट्टर शिवसैनिक शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और खुद के साथ हैं और स्व. बालासाहेब के सिद्धांतों के साथ कभी विश्वासघात नहीं करेंगे। जबकि पार्टी से गौरव हासिल करनेवाले, कुछ गद्दारों ने विद्रोही गुट में शामिल होने का विकल्प चुना है। ऐसे गद्दारों के जाने से शिवसेना को कुछ फर्क नहीं पड़ेगा। इन शब्दों में कट्टर शिवसैनिकों ने अपना गुस्सा जाहिर किया। 

    बैठक में इनकी रही उपस्थिति

    इस बैठक में पूर्व विधायक एड. गौतम चाबुकस्वार, पिंपरी-चिंचवड शहर शिवसेना प्रमुख सचिन भोसले, महिला शहर संगठक उर्मिला कालभोर, सह संपर्कप्रमुख योगेश बाबर, उपजिलाप्रमुख बालासाहेब वाल्हेकर, निलेश मुटके, चिंचवड विधानसभा प्रमुख अनंत कोऱ्हले, शहर संगठक संतोष सौंदणकर, युवराज कोकाटे, ज्ञानेश्वर भालेराव, हरेश नखाते, विजय गुप्ता, विशाल यादव, अमोल निकम, तुषार नवले, राम पात्रे, रोमी संधू, संदीप भालके, माउली जगताप, नितीन बोंडे, सर्जेराव कचरे, सहदेव चव्हाण, कैलास तोडकर, अनिता तुतारे, वैभवी घोडके, संदीप भालके, गणेश आहेर, सुधाकर नलावडे, युवराज कोकाटे, युनूस शेख, शिल्पा अनपान, दादा नरले, मयूर फिरके, विशाल चव्हाण, शकील शेख, प्रकाश जाधव, गोरख पाटील, बालासाहेब मेढे, गणेश वायभट, नरसिंग माने, सावताराम महापुरे, अनिल पलांडे, राहुल पलांडे, स्वप्नील डेरवडकर समेत शिवसेना के नेत, पदाधिकारी और शिवसैनिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

    शिवसेना ने उन्हें ताकत दी

    शहरप्रमुख सचिन भोंसले ने कहा कि जिनकी पृष्ठभूमि एक पार्टी से दूसरी पार्टी में उछल कूद करने की है। शिवसेना को उनसे कोई उम्मीद नहीं है। योग्यता न रहने के बावजूद उद्धव ठाकरे ने उन्हें एक बार नहीं, बल्कि दो बार विश्वास के साथ सांसद बनाया। जब कार्यकर्ताओं की ताकत पीछे नहीं रही तो शिवसेना ने उन्हें ताकत दी। उनकी राजनीतिक दाल पक गई थी तो अब उन्होंने पार्टी को धोखा दिया और बागी गुट में कूद पड़े। ऐसे विभाजनकारी व्यक्तियों से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 

    शिवसेना किसी से नहीं डरेगी

    अनंत को-हाले ने कहा कि जब उद्धव ठाकरे को छोड़कर जाने के विरोध में बैठक की तो कट्टर शिवसैनिकों ने प्रबल भावनाएं व्यक्त की। गुस्से में कुछ आपत्तिजनक मौखिक टिप्पणियां की गईं। पुलिस पर दबाव बढ़ाते हुए एक शिवसैनिक को झूठे अपराध में फंसा दिया गया। उसे पुलिस ने बिना किसी गलती के हिरासत में लिया था। विद्रोही गुट द्वारा कट्टर शिवसैनिकों के साथ अन्याय किया जा रहा है। हालांकि शिवसेना ऐसी हरकतों से कभी नहीं डरेगी। 

    शिवसैनिकों को परेशान करने की साजिश रची जा रही 

    संतोष सौंदनकर ने कहा कि पार्टी छोड़ने वाले हम पर गंदी राजनीति कर रहे हैं। सत्ता का दुरुपयोग कर आम शिवसैनिकों को परेशान करने की साजिश रची जा रही है। शिवसेना ऐसी गतिविधियों की कभी भी निंदा नहीं करेगी। अगर समय मिला तो हम सड़कों पर उतरेंगे और कड़ा विरोध करेंगे। जिनका खून ही विश्वासघाती है उन्हें कोई नहीं रोक सकता। उन्हीं की वजह से सैयद अमीन शेख के खिलाफ बदला लेने के लिए कार्रवाई की गई है। उनके पीछे शहर की पूरी शिवसेना है।  उन्हें बिल्कुल भी डरने की जरूरत नहीं है।