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पुणे: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने पुणे शहर में कांग्रेस की कम ताकत का हवाला देते हुए पुणे लोकसभा सीट (Pune Lok Sabha Seat )पर दावा ठोका था। पुणे लोकसभा सीट पर कांग्रेस (Congress) को लगातार दो चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा है। इसलिए पुणे लोकसभा सीट राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को दी जाए। ऐसी मांग बार-बार की जा रही हैं। इस बीच, अब कांग्रेस ने मावल लोकसभा सीट (Maval Lok Sabha Seat) पर दावा किया है। मावल लोकसभा सीट पर एनसीपी तीन बार हार चुकी है। इसलिए मावल लोकसभा क्षेत्र कांग्रेस के लिए छोड़ दिया जाए। यह मांग पिंपरी-चिंचवड़ शहर कांग्रेस पदाधिकारीयों ने किया है। इसके कारण महाविकास आघाडी (MVA) में सीटों के बंटवारे को लेकर टकराव के संकेत मिल रहे है।

पिछले कुछ दिनों से पुणे लोकसभा सीट को लेकर राजनैतिक माहौल गरमाया हुआ है। कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी गठबंधन में पुणे लोकसभा सीट कांग्रेस के पास है। पुणे जिले में बारामती, शिरूर, मावल और पुणे ऐसे कुल चार लोकसभा सीट है। इसमें से मावल, शिरूर और बारामती क्षेत्र एनसीपी के पास थे। वहीं जिले का एकमात्र पुणे लोकसभा सीट आघाड़ी में कांग्रेस के पास थी। हालांकि, कांग्रेस उम्मीदवार पुणे लोकसभा क्षेत्र से हार रहे है और एनसीपी पुणे लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस से अधिक शक्तिशाली है। इसलिए पुणे लोकसभा सीट एनसीपी के लिए छोड़ी जाए। इस तरह की मांग उठ रही है।

कांग्रेस पर विश्वास करने वाला वर्ग

इसे देखते हुए अब कांग्रेस ने मावल लोकसभा सीट पर दावा ठोका है। मावल में एनसीपी उम्मीदवार लगातार तीन बार हार चुके है और मावल में एनसीपी की तुलना में कांग्रेस की ताकत अच्छी है। इसलिए मावल लोकसभा सीट कांग्रेस के लिए छोड़ने की मांग कांग्रेस पदाधिकारियों ने की है। कांग्रेस ने पिंपरी-चिंचवड़ का कायाकल्प कर दिया है। इस क्षेत्र का कई वर्षों से लोकसभा और विधानसभा में कांग्रेस के नेताओं द्वारा प्रतिनिधित्व किया जाता रहा है। मावल लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस पर विश्वास करने वाला बड़ा वर्ग है। इसलिए पिंपरी-चिंचवड़ शहर के कांग्रेसी नेताओं ने मावल लोकसभा क्षेत्र को कांग्रेस के हवाले करने की पुरजोर मांग की है। इसके कारण एक नई चर्चा छिड़ गई है।

तीन बार एनसीपी उम्मीदवार को मिली हार

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने मावल लोकसभा क्षेत्र में दो बार बाहरी उम्मीदवार को मैदान में उतारा। वहीं एनसीपी को लगातार तीन बार हार मिली है। इसलिए यह सीट कांग्रेस को मिलनी चाहिए। मावल में शिरूर से ज्यादा कांग्रेस की ताकत है। देहूरोड कटक मंडल, लोनावला नगरपरिषद में कांग्रेस सत्ता में थी। वहीं, पनवेल से पार्टी का एक विधायक था। रायगढ़ का नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री ए.आर. अंतुले ने किया है। इसलिए मावल लोकसभा क्षेत्र को कांग्रेस को सौंपा जाए।

फिर दो विधानसभा क्षेत्रों को कांग्रेस के लिए छोड़ देना चाहिए

मावल लोकसभा सीट अगर एनसीपी को दी गई तो पिंपरी-चिंचवड़ शहर के दो विधानसभा क्षेत्रों को कांग्रेस के लिए छोड़ देना चाहिए। अगर तीनों जगहों पर एनसीपी लड़ेगी तो कांग्रेस शहर में कब पांव जमा पाएगी। यह सवाल कांग्रेस पदाधिकारियों ने खड़ा किया है। कांग्रेस को 15-15 साल तक चुनाव लड़ने का मौका नहीं दिया गया। ऐसे में कार्यकर्ता पार्टी में कैसे रहेंगे? कांग्रेस के दम पर एनसीपी जीत रही है। इसलिए स्थानीय पदाधिकारियों ने प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले से दो विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस को लेने का अनुरोध किया है।