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    पुणे: पैकिंग और लेबल वाले सभी खाद्य पदार्थ, अनाज, दाल पर पांच फीसदी जीएसटी (GST) लगाने का निर्णय केंद्र सरकार (Central Government) ने लिया है। इस वजह से खाद्य पदार्थ, अनाज की कीमत में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है। साथ ही यह प्रक्रिया बेहद क्लिष्ट होने से छोटे व्यापारियों में असंतोष पसर गया है। इस संबंध में द पूना मर्चेट्स चेंबर (The Poona Merchants Chamber) के अध्यक्ष राजेंद्र बाठिया (Rajendra Bathia) ने कहा कि इससे पूर्व ब्रांडेड और नॉन ब्रांडेड इन शब्दों के अनुसार टेक्सेबल वस्तुओं का विभाजन किया गया था। उसकी वजह से बड़ा विवाद पैदा होने से कई मामले में कोर्ट में विचाराधीन है।

    राजेंद्र बाठिया ने कहा कि नए प्रीलेबल्ड और लेबल्ड और वजन पर आधारित टैक्स वसूली की वजह से 25 किलो वजन तक के वस्तुएं टैक्सेबल होगी, लेकिन इस तरह के अव्यवहारिक टैक्स मामले से कोर्ट का मामला बढ़ेगा।

    सामान्य ग्राहकों को रोज के खाद्यान्य वस्तु जीएसटी से टैक्स मुक्त किया जाए। टैक्स से सरकार की इनकम पिछले वर्ष की तुलना में 40 फीसदी से अधिक बढ़ गई है। किसी भी तरह का टैक्स लागू करते वक्त व्यवसायियों के प्रतिनिधि से चर्चा कर अंतिम निर्णय लेना चाहिए।

    -अभय संचेती, अन्नधान्य व्यापारी, मार्केट यार्ड

    रोज के इस्तेमाल वाली जीवनावश्यक वस्तुओं पर जीएसटी वसूले जाने से आम ग्राहकों के रोज के खर्च में बढ़ोतरी होगी।

    -आशीष दुगड, संचालक, द पूना मर्चंट्स चेंबर