Mumbai-Pune Expressway

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    पुणे: मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे (Mumbai-Pune Expressway) पर बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं (Road Accidents) को देखते हुए वाहनों की स्पीड (Speed) पर नियंत्रण रखने और वाहन तय किए गए लेन छोड़े नहीं, इसके लिए आधुनिक ट्रैफिक सिस्टम कार्यान्वित किए जाएंगे। महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास बोर्ड (एमएसआरडीसी) ने सुरक्षा की दृष्टि से इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम(आईटीएमएस) जैसी अत्याधुनिक सिस्टम कार्यान्वित करने की शुरूआत की गई है।

    पुणे-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर पूर्व विधायक विनायक मेटे की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। ऐसे में सड़क सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो गए है। 94 किलोमीटर की दूरी वाले इस मार्ग में घाट रोड, टनल के कारण अचूक अनुमान नहीं लग पाता है और तेज गति से जा रही वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है। सड़क किनारे वाहनों को खड़ी करने से ट्रैफिक जाम लगता है। भारी और बड़े वाहनों के कारण टर्निग में दिक्कतें पैदा होती है। इसे देखते हुए आधुनिक ट्रैफिक सिस्टम कार्यान्वित किए जाएंगे।

    160 करोड़ खर्च होने की उम्मीद

    पुणे-मुंबई एक्सप्रेस-वे में आईटीएमएस सिस्टम पर 160 करोड़ रुपए खर्च होने की उम्मीद है। इस मार्ग में ट्रैफिक अनुशासन का पालन हो, दुर्घटना से बचने, दुर्घटनाग्रस्तों को तुरंत मदद मिले और टोल वसूली फास्ट, अचूक और पारदर्शी हो इसके लिए अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी पर आधारित सिस्टम लगाया जाएगा। इस मार्ग पर अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरे, 39 जगहों पर वाहनों की स्पीड जांच मशीन एवरेज स्पीड डिटेक्शन सिस्टम, जबकि 34 जगहों पर ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वालों की तलाश करने वाले लेन डिसिप्लीन वायलेशन डिटेक्शन सिस्टम लगाया जाएगा। इससे दुर्घटनाओं की संख्या कम करने में मदद मिलेगी। यह जानकारी बोर्ड के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर सोनवणे ने दी है।

    हाइवे के चल रहे काम के बीच यहां की सुरक्षा की दृष्टि से एमएसआरडीसी ने 2019 में आईटरएमएस सिस्टम कार्यान्वित करने के लिए टेंडर जारी किए गए थे, लेकिन कोरोना के प्रादुर्भाव के कारण आगे की कार्रवाई नहीं की गई। मौजूदा स्थिति में टेंडर प्रक्रिया के अनुसार मेसर्स प्रोटेक्ट सॉल्यूशन लिमिटेड कंपनी को काम सौंपा गया है। इस कंपनी से बोर्ड ने करार किया है। आने वाले महीने भर में प्रत्यक्ष रुप से काम की शुरुआत होगी। 9 महीने में यह काम पूरी कर एक से दो महीने ट्रॉयल किया जाएगा। वर्ष भर में यह आईटीएमएस सिस्टम कार्यान्वित होगा।

    –राकेश सोनवणे, एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, सड़क बोर्ड