mahesh landge

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    पिंपरी : पिंपरी-चिंचवड़ (Pimpri-Chinchwad) के आम लोगों पर कोरोना (Corona) और लॉकडाउन (Lockdown) का गहरा असर पड़ा है। राज्य सरकार ने अनाधिकृत निर्माणों को नियमित करने के संबंध में 1000 वर्ग फुट तक के निर्माणों पर लगने वाले जुर्माने (Fine)के कर को माफ कर दिया है। इसलिए प्रशासन 1000 वर्ग फुट तक के अनियमित निर्माणों पर कार्रवाई नहीं कर पाएगा। साथ ही अनाधिकृत निर्माण को लेकर भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। भाजपा (BJP) के पिंपरी-चिंचवड़ अध्यक्ष और विधायक महेश लांडगे (MLA Mahesh Landge) की मांग है कि तब तक कोई भी अनाधिकृत निर्माण कार्य न किया जाए।

    इस संबंध में उन्होंने पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका कमिश्नर राजेश पाटिल को बयान जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि कमिश्नर ने सभी बीट निरीक्षकों और फील्ड कार्यालयों को अनधिकृत निर्माणों के खिलाफ पुणे महानगर विकास प्राधिकरण द्वारा की गई कार्रवाई की तर्ज पर अनधिकृत निर्माण और सड़क के किनारे के अतिक्रमण को हटाने का निर्देश दिया है। अधिसूचित भवनों को हटाया जाएगा। हालांकि, हम राज्य सरकार से आग्रह करते हैं कि जब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जाता है, तब तक पिंपरी-चिंचवड़ में अनधिकृत निर्माण के खिलाफ कोई कार्रवाई न करें।

    जुर्माना राशि का भुगतान करना होगा

    इस बीच, राज्य सरकार द्वारा संशोधित गुंठेवारी अधिनियम को मंजूरी देने के साथ, पिंपरी-चिंचवड़ में लगभग दो लाख अवैध निर्माण नियमित होने की संभावना है। इसके लिए यदि भू-स्वामी प्लॉट ड्राइंग में है तो उसे विकास शुल्क के शमन शुल्क (जुर्माना राशि) का तीन गुना भुगतान करना होगा।  पुनर्निर्धारणकर्ता के अनुसार यदि प्लॉट पर देय इंक्रीमेंटल कारपेट इंडेक्स से अधिक निर्माण किया जाता है तो भूमि का 10 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाएगा। हालांकि, यदि बढ़े हुए कारपेट इंडेक्स का उपयोग किया जाता है, तो नए एकीकृत विकास नियंत्रण और संवर्धन विनियमों के प्रावधानों के अनुसार जुर्माना राशि का भुगतान करना होगा।

     शहर के गरीब नागरिकों को फायदा होगा

    यदि निर्माण प्लाट की समान दूरी के भीतर किया जाता है तो उस क्षेत्र में पुनर्गणनाकर्ता के अनुसार भूमि दर का 10 प्रतिशत अर्थदण्ड देना होगा। अत: महानगरपालिका प्रशासन अधिक से अधिक निर्माणों को राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत गुंठेवारी अधिनियम के अनुसार नियमित करने की कार्रवाई करें। विधायक लांडगे ने यह भी कहा कि इससे शहर के गरीब नागरिकों को फायदा होगा। उन्होंने शिकायत की है कि आगामी चुनावों की पृष्ठभूमि में महानगरपालिका प्रशासन पक्षपातपूर्ण निर्णय ले रहा है और पिंपरी-चिंचवडकर पर अन्यायपूर्ण कार्रवाई की जा रही है। दिवाली और त्योहारों के दौरान नागरिकों के घरों के खिलाफ कार्रवाई करना संभव नहीं है। विधायक लांडगे ने यह भी मांग की है कि पिंपरी-चिंचवड़ में आम नागरिकों के घरों के खिलाफ कार्रवाई न की जाए।