Bulldozer
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    पुणे: राजनैतिक दलों के सत्ता में रहने के दौरान जो संभव नहीं था, वो पुणे में प्रशासक राज (Administrator Rule) में मुमकिन हो रहा है।  पुणे महानगरपालिका कमिश्नर विक्रम कुमार (Municipal Commissioner Vikram Kumar) की इच्छाशक्ति से यह संभव हो सका है।  शहर में बने अवैध निर्माण हो या अतिक्रमण महानगरपालिका का बुलडोजर (Bulldozer) बेखौफ अपना काम कर रहा है। फिर चाहे वह राजनैतिक हस्तक्षेप हो या अधिकारी किसी की परवाह किए बगैर बे रोकटोक बुलडोजर का हथौड़ा जारी है। इसका उदाहरण म्हात्रे पुल और राजाराम पुल के बीच डी.पी. रोड़ (D P Road) पर देखने को मिला। 

    सड़क किनारे डेढ़ किलोमीटर के क्षेत्र में होटल, मंगल कार्यालय, गैरेज और अन्य अनधिकृत निर्माणों को बुलडोजर ने ध्वस्त कर दिया।  पिछले 5 सालों की यह सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।  राजनीतिक दबाव के कारण इतने सालों तक नहीं हुई कार्रवाई अब प्रशासक राज में संभव हो सकी है। 

    अतिक्रमण दस्ते पर हमले के बाद कार्रवाई में और तेजी

     महानगरपालिका पर प्रशासक राज के बाद अतिक्रमण विभाग, निर्माण विभाग द्वारा शहर में अतिक्रमण, अवैध निर्माण पर संयुक्त कार्रवाई की जा रही है। कुछ दिन पहले धानोरी में महानगरपालिका कर्मचारियों पर अवैध निर्माण करने वालों ने हमला भी किया था।  इसक बाद से महानगरपालिका ने अवैध निर्माणों पर और कार्रवाई तेज कर दी हैं। 

    इतनी संख्या में व्यापारियों पर नहीं हुई थी कार्रवाई

    महानगरपालिका अतिक्रमण विभाग ने म्हात्रे पुल और राजाराम पुल के बीच लगभग डेढ़ किलोमीटर सड़क पर किए गए अतिक्रमणों को हटाया है। महानगरपालिका ने नोटिस जारी कर पुलिस बंदोबस्त में कार्रवाई की।  पिछले कुछ वर्षों में इस सड़क पर विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों के साथ होटल खुल गए हैं। इसलिए शाम ढलने के बाद इस इलाके में काफी भीड़ हो जाती है। महानगरपालिका ने पहले दो मंगल कार्यालय के अतिक्रमण पर कार्रवाई की, लेकिन इतने सारे व्यापारियों पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई थी। 

    सुबह साढ़े चार बजे एक्शन

    महानगरपालिका ने सुबह साढ़े सात बजे जैसे ही कार्रवाई शुरू की, इलाके के व्यापारी मौके पर पहुंच गए। कार्रवाई को रोकने के लिए क्षेत्र के होटल और मंगल कार्यालय संचालकों ने राजनीतिक नेताओं पर दबाव बनाकर कार्रवाई रोकने की मांग की। इसके बावजूद प्रशासन ने कार्रवाई नहीं रोकी।  इस कार्रवाई में 20 जेसीबी, 9 गैस कटर और 3 ब्रेकर का इस्तेमाल किया गया। इसके साथ तीन पुलिस अधिकारी, 25 पुलिस कर्मी, 200 एनएमसी कर्मचारी, 60 सुरक्षा गार्ड, 25 वाहन कार्रवाई में शामिल थे।  जहां जेसीबी नहीं जा सकी, वहां गैस कटर से शेड़ को तोड़ दिया गया।  8 दस्तों के जरिए एक साथ ऑपरेशन शुरू किया गया था। 

    कार्रवाई को करने से पहले 73 लोगों को नोटिस जारी किए गए थे। इनमें से चार होटलों और एक मंगलकार्य के खिलाफ कार्रवाई पर कोर्ट ने रोक लगा दी थी। इसके कारण बाकी के अवैध निर्माणों पर आठ दस्तों के माध्यम से कार्रवाई की गई। अब अनाधिकृत निर्माण और अतिक्रमण को तोड़ा जा चुका है, वहां दोबारा अतिक्रमण ना हो, इस बात का ध्यान रखा जाएगा।

    -बिपिन शिंदे, कार्यकारी अभियंता, पुणे महानगरपालिका